गुणवत्ता जांच के लिए बासमती उत्पादकों की रजिस्ट्रेशन ज़ोरों पर – पन्नू
डेली संवाद, चंडीगढ़
बासमती के निर्यात को उत्साहित करने के उद्देश्य से पंजाब सरकार द्वारा राज्य के सभी बासमती उत्पादकों की रजिस्ट्रेशन का महत्वपूर्ण प्रोजैक्ट शुरू किया गया है। इस प्रोजैक्ट के अंतर्गत उनके निजी विवरण और उनके उत्पादों सम्बन्धी जानकारी भारत सरकार के बासमती पोर्टल पर अपलोड किया जा रहा है।
यह प्रक्रिया कृषि और प्रोसैस्ड फूड प्रोडकट्स एक्सपोर्ट डिवैल्पमैंट अथॉरिटी (ए.पी.ई.डी.ए.) के सहयोग से चलाई जा रही है। यह जानकारी देते हुए सचिव कृषि, स. के.एस. पन्नू ने कहा कि राज्य में यह रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरे ज़ोरों पर है। उन्होंने बताया कि विभाग का फील्ड स्टाफ बासमती चावल उत्पादकों के नाम और मोबाइल नंबरों के साथ-साथ उनके खेतों की भौगोलिक स्थिति सम्बन्धी विवरण पोर्टल पर अपलोड करवा रहा है।
इसके अलावा किसानों द्वारा फसलों के लिए इस्तेमाल की जाने वाली खादों और कीटनाशकों के विवरण सम्बन्धी जानकारी भी दर्ज की जा रही है जिससे खरीददारों को फ़सल की गुणवत्ता संबंधी पहले जानकारी मिल सके। उन्होंने बताया कि अब तक तकरीबन 70,000 बासमती किसान रजिस्टर किये गए हैं जबकि 1,37,864 हेक्टेयर में फैले 25,000 खेतों की टैगिंग भी की गई है।
विशेष आई.डी. और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट जारी
उन्होंने कहा कि यह टैगिंग राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मार्केट में चावलों की विलक्षण पहचान को बरकरार रखने में किसानों की मदद करेगी। स. पन्नू ने कहा कि रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया मुकम्मल होने के बाद किसानों को विशेष आई.डी. और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट जारी किये जा रहे हैं और बताया कि अब तक 15,000 सर्टिफिकेट जारी किये जा चुके हैं।
यह रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया किसानों और कृषि विभाग दोनों के लिए लाभप्रद है क्योंकि किसानों को उनकी पैदावार का बढिय़ा मूल्य मिलेगा क्योंकि इससे खरीददार किसानों के साथ सीधा संपर्क करके बासमती के नमूने ले सकते हैं। इसके अलावा विभाग को उन किसानों की पहचान करने में सहायता मिलेगी जो खाद की सिफारिश की गई मात्रा से अधिक प्रयोग कर रहे हैं और प्रतिबंधित कीटनाशक दवाओं का प्रयोग कर रहे हैं। इसके साथ ही विभाग इस सम्बन्धी निर्देशों की पालना न करने वाले किसानों को खादों /कीटनाशकों की उपयुक्त मात्रा और मानक के प्रयोग की तरफ प्रेरित करने के साथ-साथ उन पर निगरानी रखी जा सकती है।
बासमती फ़सल को कीटनाशक मुक्त बनाने पर जोर
स. पन्नू ने कहा कि यह कार्यवाही बासमती फ़सल को कीटनाशक मुक्त बनाने की तरफ एक बड़ा कदम साबित होगी और ज़हरीले पदार्थों के प्रयोग के ख़ात्मे के नतीजे के तौर पर पंजाब की बासमती आयात सम्बन्धी अंतरराष्ट्रीय मापदण्डों पर खरा उतरेगी। गौरतलब है कि ज़्यादा झाड़ की इच्छा में कुछ किसान सिफारिश की गई मात्रा से 3 गुणा अधिक मात्रा में युरिया का प्रयोग करने के साथ-साथ डाई अमोनियम फॉस्फेट (डी.ए.पी.) का प्रयोग भी कर रहे हैं जिसकी बिल्कुल ज़रूरत नहीं है।
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