कैप्टन अमरिन्दर सिंह की अध्यक्षता अधीन हुई मंत्रीमंडल की मीटिंग में फैसला
डेली संवाद, चंडीगढ़
पंजाब सरकार ने विभिन्न कानूनों में संशोधन करके राज्य में योग्य सिविल सेवाओं के उम्मीदवारों के लिए भर्ती नियमों को आसान बनाने का फ़ैसला किया है जिससे उचित उम्मीदवार न मिलने के कारण खाली पड़े पदों को भरने के लिए रास्ता साफ होगा।
इस संबंधी फ़ैसले का ऐलान पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की अध्यक्षता अधीन हुई मंत्रीमंडल की मीटिंग के बाद किया गया जो पंजाब राज्य सिविल सेवाओं की साझी परीक्षा के आधार पर सेवाओं की विभाजन के साथ जुड़े मुद्दों को सुलझाने में सहायक होगा।
एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मंत्रीमंडल ने परसोनल विभाग के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी है जिसके अंतर्गत पंजाब रिकरूटमैंट ऑफ एक्स-सर्विसमैन के रूल 4(2), पंजाब रिकरूटमैंट ऑफ सपोर्टसमैन रूल्ज-1998, पंजाब स्टेट सिविल सर्विसज़ (अपायंटमैंट बाय कम्बाईनड ऐगज़ामीनेशन) रूल्ज, 2009 के मसौदे के नोटीफिकेशनों में अपेक्षित संशोधन करने के अलावा पंजाब स्टेट सिविल सर्विसज़ (अपायंटमैंट बाय कम्बाईनड ऐगज़ामीनेशन) रूल्ज, 2009 में रूल 10 (ए) जोडऩा शामिल है।
अंतिम मसौदे की मंज़ूरी के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया
प्रवक्ता ने बताया कि मंत्रीमंडल ने इन रूलों के अंतिम मसौदे की मंज़ूरी के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया है। यह जि़क्रयोग्य है कि पंजाब सिविल साझे सेवाओं मुकाबले भर्ती परीक्षा -2018 के बाद में पंजाब लोक सेवा आयोग सरकार द्वारा प्रकाशित की गई 72 पदों के विरुद्ध विभाजन करने के लिए उम्मीदवारों की मेरिट सूचियां भेजी थी जिसमें पंजाब सिविल सेवाओं (कार्यकारी शाखा), उप पुलिस कप्तान, आबकारी और कर अफ़सर, तहसीलदार, खाद्य सप्लाई अफ़सर, ब्लॉक विकास और पंचायत अफ़सर, लेबर -कम -कौनसीलेशन अफ़सर और रोजग़ार सृजन और प्रशिक्षण अफ़सर के पद शामिल हैं।
इनमें से 17 आरक्षित पदों के लिए उम्मीदवार न मिलने के कारण पद खाली पड़े हैं जिसके बाद पंजाब लोक सेवा आयोग ने राज्य सरकार को इन पदों को भरने के लिए उपयुक्त फ़ैसला लेने की विनती की थी। सरकार को बताया गया कि पिछले समय में भी ऐसी स्थितियां पैदा होती रही हैं क्योंकि ऐसी स्थितियों के साथ निपटने संबंधी नियम /हिदायतें स्पष्ट नहीं थी।
इन पदों को भरने सम्बन्धी मुकदमेबाज़ी लम्बा समय चलती थी
मौजूदा नियमों के अंतर्गत विभिन्न श्रेणियों के पद खाली हैं जिनमें आरक्षित अनुसूचित जातियों, वाल्मीकि और मजबी सिख और आम श्रेणी और एक्स-सर्विसमैन श्रेणियां शामिल हैं जिनको विभिन्न तौर पर विचारा जाता रहा। इस कारण यह अस्पष्टता बनी रही कि वाल्मीकि और मजबी सिख श्रेणी से एक्स-सर्विसमैन और खेल कोटे की खाली पड़े पदों को वाल्मीकि और मजबी सिख के जनरल पूल या सभी अनुसूचित जातियों के जनरल पूल में से भरा जाए।
ऐसी स्थिति में इन पदों को भरने सम्बन्धी मुकदमेबाज़ी लम्बा समय चलती थी। इन हालतों के मद्देनजऱ परसोनल विभाग ने प्रसावित किया कि नियमों और हिदायतों में संशोधन करके सभी श्रेणियों के पदों के लिए स्पष्ट, न्यायपूर्वक और स्थिरता बनाई जाये और इसके साथ अनुसूचित जातियों और पिछड़ी श्रेणियों के हितों की सुरक्षा को भी यकीनी बनाया जाये।
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