पंजाब में नई कस्टम मिलिंग नीति को मंजूरी, चावल को लेकर सरकार का बड़ा फैसला, पढ़ें

Daily Samvad
7 Min Read

चावलों का अन्य उद्देश्य के लिए प्रयोग रोकने के लिए कठोर उपबंध

डेली संवाद, चंडीगढ़
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व में मंत्रीमंडल पंजाब कस्टम मिलिंग पॉलिसी फॉर पैडी (खऱीफ़ 2019-20) को मंज़ूरी दे दी है और चावलों को अन्य उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल कर लेने की सूरत में अपराधिक दंड समेत अन्य सुरक्षा उपबंध किये गए हैं।

इस स्कीम का उद्देश्य पंजाब की खरीद एजेंसियों (पनग्रेन, मार्कफैड, पनसप, पंजाब राज्य गोदाम निगम) और पंजाब एग्रो फूडग्रेनज़ निगम और भारतीय खाद्य निगम) द्वारा भारत सरकार द्वारा निर्धारित मापदण्डों के अनुसार खऱीदे जाने वाले धान की मिलिंग को राज्य में चल रही 4000 से अधिक मिलों से चावल समय पर केंद्रीय पुल में भुगताना है। राज्य के खाद्य, सिविल सप्लाईज़ और उपभोक्ता मामलों संबंधी विभाग नोडल विभाग के तौर पर काम करेगा।

मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि सावन की फ़सल मिलिंग सीजन 2019 -20 के दौरान मिलों को अलॉट किये जाने वाली फ्री पैडी की अलॉटमैंट का एकमात्र मापदंड मिलर की साल 2018 -19 की कारगुज़ारी पर आधारित होगा। प्रतिशत के अनुसार अतिरिक्त रियायतें मिलों द्वारा धान का भुगतान करने की तारीख़ के मुताबिक और पिछले साल में धान के आर.ओ. के आधार पर दी जाएंगी।

कस्टम मिलिंग सिक्योरिटी जमा करवानी होगी

प्रवक्ता ने आगे बताया कि जिन मिलों ने 31 जनवरी, 2019 तक अपनी मिलिंग का काम मुकम्मल कर लिया, वह मिलें फ्री पैडी के अन्य 15 प्रतिशत के योग्य होंगी और जिन मिलों ने चावलों के भुगतान का काम 28 फरवरी, 2019 निपटा लिया, उनको 10 प्रतिशत अतिरिक्त मिलेगी।

धान के भंडारण की सुरक्षा को यकीनी बनाने के लिए मिल्लरों को 3000 मीट्रिक टन से ऊपर अलॉट फ्री पैडी के पाँच प्रतिशत अधिग्रहण कीमत के मूल्य के बराबर बैंक गारंटी देनी होगी। इस कदम से 1250 से अधिक चावल मिलें इस गारंटी क्लॉज के घेरे में आ जाएंगी। इसके अलावा मिल्लरों को भंडारित किये धान के हरेक मीट्रिक टन पर 125 रुपए के हिसाब के साथ कस्टम मिलिंग सिक्योरिटी जमा करवानी होगी।

एन.एफ.एस.ए /पी.डी.एस. धान को किसी अन्य जगह तबदील करने को रोकने के लिए ऐसे मामलो में इंडियन पेनल कोड और ज़रूरी सेवाओं एक्ट से सम्बन्धित धाराओं के तहत अपराधिक कार्यवाही करने का उपबंध किया गया है। चावल मिल्लर अपने खातों में धान की फ़सल /चावलों की खरीद को यकीनी बनाऐंगे और मिल में असली व्यापारिक वस्तु के तौर पर भंडारण करेंगे और कल्याण स्कीमों के रूप में भंडारित चावल को कहीं और इस्तेमाल नहीं करेंगे।

मिलों को ब्लैक लिस्ट कर दिया जायेगा

मिल्लर अपने खाते में कम-से -कम 150 मीट्रिक टन धान की फ़सल खरीद करेगा और इसकी एवज़ में पाँच लाख रुपए न-वापस योग्य और पांच लाख रुपए वापस योग्य सुरक्षा के तौर पर जमा करवाएगा। यदि मिल्लर एक से अधिक मिल का मालिक या हिस्सेदार है और यदि किसी भी पड़ाव पर जाकर यह नोटिस में आ गया कि सिर्फ एक मिल को धान की मिलिंग के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है और उसकी दूसरी मिलों की तरफ़ से चावलों का भुगतान किया गया तो ऐसी सभी मिलों को ब्लैक लिस्ट कर दिया जायेगा।

नयी स्थापित चावल मिलों को एक टन की क्षमता के लिए 2500 मीट्रिक टन धान की फ़सल अलॅाट की जायेगी और इसके साथ-साथ हरेक अतिरिक्त टन की क्षमता के लिए 500 मीट्रिक टन धान की फ़सल अलॉट होगी जो अधिक से अधिक 5000 मीट्रिक टन के वितरण तक होगा।

किसी भी विवाद का प्रभावी और समयबद्ध ढंग से निपटारा करने के लिए जि़ला अलॉटमैंट कमेटी की तरफ से नीति की किसी धारा से सम्बन्धित आदेशों से पहली अपील का स्पष्ट उपबंध डायरैक्टर खाद्य और सिविल सप्लाईज़ के पास होगा और उसके बाद दूसरी अपील प्रमुख सचिव खाद्य और सिविल सप्लाईज़ से होगा।

बकाया चावल भारतीय खाद्य निगम को भुगता दिया जाऐगा

राज्य में इस समय पर 29 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल धान अधीन है जिससे 170 लाख टन धान की फ़सल खऱीदे जाने की आशा है। पिछले साल 31.03 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल धान अधीन था जो इस साल घटा है। धान की कस्टम मिलिंग को मुकम्मल करने का लक्ष्य 31 मार्च, 2020 तक है जिसके अंतर्गत सारा बकाया चावल भारतीय खाद्य निगम को भुगता दिया जाऐगा।

अतिरिक्त धान की फ़सल जिले में या जिले से बाहर भेजने के लिए रिलीज आर्डर जारी करने से भेजा जा सकेगा और इसके मुताबिक मिल्लर को 30 रुपए प्रति मीट्रिक टन के हिसाब के साथ न -वापसी योग्य फीस जमा करवानी होगी। यदि अतिरिक्त धान को अतिरिक्त धान वाले या मिलिंग की क्षमता की कमी वाले जिले जैसे कि अमृतसर, फाजिल्का, फिऱोज़पुर, गुरदासपुर, पठानकोट और तरन तारन हैं, इस सूरत में रिलीज आर्डर की फीस 15 रुपए प्रति मीट्रिक टन न -वापसी योग्य फीस होगी।

मिलिंग के लिए निर्धारित कार्यक्रम के अधीन मिल्लर को 31 दिसंबर, 2019 तक उसके कुल चावल का 35 प्रतिशत भुगतान करना होगा और कुल चावल के 60 प्रतिशत का भुगतान 31 जनवरी, 2020 तक, कुल चावल का 80 प्रतिशत भुगतान 28 फरवरी, 2020 तक और कुल चावल का भुगतान 31 मार्च, 2020 तक करना होगा।

WhatsApp पर न्यूज़ Updates पाने के लिए हमारे नंबर 8847567663 को अपने Mobile में Save करके इस नंबर पर Missed Call करें। हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करें।













728
Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *