पहली बार अहिंसा किसी देश की जंग-ए-आजादी में सबसे प्रभावशाली हथियार बना
डेली संवाद, लखनऊ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गांधी जी ने आजादी की लड़ाई को नई उंचाई देने के साथ उसे अहिंसा का नया हथियार भी दिया। जंग-ए-आजादी का ऐसा हथियार जिसे दुनिया ने पहली बार देखा और इसके असर को महसूस किया। वह खुद में महामानव थे। यही वजह है कि आज सिर्फ भारत में ही नहीं, पूरी दुनिया में उनकी 150वीं जयंती को धूमधाम से मनाया जा रहा है। आज पूरी दुनिया गांधी के आदर्शों और सिद्धांतों की मुरीद है।
यहां इंदिरागांधी प्रतिष्ठान में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महापुरुषों का जीवन और आदर्श हमको प्रेरणा देते हैं। युवा अपने जीवन को महापुरुषों के जीवन और आदर्श से जोड़कर बेहतर बना सकते हैं।
योगी ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे युवा देश है। आबादी के लिहाज से सबसे बड़ा प्रदेश होने के नाते उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक युवा हैं। इन युवाओं के उर्जा के भरोसे हम असंभव को भी संभव कर सकते हैं। ऐसा हम कर भी रहे हैं। न्यूनतम पूंजी और जमीन में बिना पर्यावरण को क्षति पहुंचाए स्थानीय स्तर पर अधिकतम रोजगार मुहैया कराने की खूबी के कारण खादी ग्रामोद्योग की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका होगी। वह इस भूमिका का बखूबी निर्वहन भी कर रहा है।
आज पूरी दुनिया गांधी के आदर्शों और सिद्धांतों की मुरीद है
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दो वर्ष के दौरान विभाग ने अलग-अलग विधा में प्रशिक्षित युवाओं को खादी ग्रामोद्योग द्वारा केंद्र एवं प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं से 3350 करोड़ रुपये का ऋण दिया गया। इससे स्थापित इकाईयों में 8,74,000 लोगों को रोजगार मिला। इसके अलावा औद्योगिक इकाइयों में हुए दो लाख करोड़ रुपये के निवेश से 20 लाख लोगों को रोजगार मिला।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कीमत और गुणवत्ता के लिहाज से बाजार में टिके रहने के लिए जरूरत के अनुसार तकनीक में बदलाव जरूरी है। यही वजह है कि हम परंपरागत चरखे की जगह बड़े पैमाने पर सोलर चरखा उपलब्ध करा रहे हैं। इससे सूत का उत्पादन, गुणवत्ता और कत्तिनों की आय बढ़ जाएगी। हम सबकी भलाई के लिए काम कर रहे हैं। सबकी भलाई में ही हमारी भी भलाई है। सबको रोजी-रोटी का हक है। गांधी के बताये रास्ते पर ही चलकर ऐसा संभव है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि पर्यावरण जल जंगल जमीन और गौवंश के लिए हानिकारक है। हमने प्रदेश को पालीथिन मुक्त बनाने का संकल्प लिया है, इसमें आप सब का सहयोग चाहिए। पालीथिन की जगह मिट्टी के बर्तन उपयोग करें, इसके लिए हमने पिछले साल माटी कला बोर्ड का गठन किया है।
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