PM मोदी से मिले पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, तीन मुख्य नदियों को लेकर रखी ये मांग

Daily Samvad
5 Min Read

आर्थिक कोरीडोर के निर्माण सम्बन्धी सुझाव दिया गया

डेली संवाद, नई दिल्ली
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा आज केंद्र सरकार को पंजाब के सिंध जल प्रणाली की तीन पूर्वी नदियों को नहरों की तर्ज पर पक्के करने ( कैनलाईजेशन) के प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय प्रोजेक्ट के अंतर्गत लाने के लिए अपील की गई है जिससे जल स्रोतों की संभाल और क्षेत्रीय आर्थिक विकास को मजबूत किया जा सके।

मुख्यमंत्री द्वारा आज यहां प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के साथ हुई मीटिंग के दौरान इस सम्बन्धी सौंपे गए प्रस्ताव में मुख्यमंत्री द्वारा 985 किलोमीटिर लम्बे नदी किनारों पर तीव्र गति आर्थिक कोरीडोर के निर्माण सम्बन्धी सुझाव दिया गया और इसके अलावा सतलुज, रावी और ब्यास के किनारों की अंदरूनी ढलानों की लाइनिंग, बाढ़ की रोकथाम के प्रबंधों और नदी प्रशिक्षण कामों संबंधी भी विशेष जोर दिया गया। उन्होंने कहा की इससे राज्य को अपनी जल शक्ति बढ़ाकर फसलीय विविधता, मानक शहरीकरण और कलोनियों का रचनात्मक ढांचा और राज्य के निवासियों के आर्थिक उत्थान को गति देने के मौके पैदा करने में बड़ी सहायता मिलेगी।

प्रधान मंत्री द्वारा जल शक्ति मंत्रालय की स्थापना, जल और जीवन मिशन और ‘नल से जल‘ स्कीमों के द्वारा मुल्क के हर घर को पीने वाला साफ सुथरा पानी मुहैया करवाने के किये जा रहे यत्नों को रचनात्मक करार देते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा की पंजाब सरकार भी अपने ‘हर घर पानी-हर घर सफ़ाई‘ मिशन के अंतर्गत राज्य के निवासियों को साफ सुथरा पीने योग्य पानी मुहैया करवाने के लिए प्रतिबद्ध है।

भूजल के बेतहाशा प्रयोग स्वरूप पानी का स्तर काफी नीचे जा चुका

भारत की विभाजन के समय राज्य के जल स्रोतों में हुई कटौती और 1966 में राज्य के पुनर्गठन के समय पैदा हुए विपरीत हालातों सम्बन्धी अपने सरोकार साझा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा की सतलुज, रावी और ब्यास नदियों के जरिये राज्य के कृषि अधीन क्षेत्र का केवल 27 फीसदी सींचे जाने के कारण पंजाब के भूजल के बेतहाशा प्रयोग स्वरूप पानी का स्तर काफी नीचे जा चुका है। उन्होंने कहा की इसके परिणामस्वरूप राज्य के सात जिले के निकट भविष्य में मरूस्थल का रूप धारण कर सकते हैं, जो अपने आप में इन क्षेत्रों की आर्थिकता को गहरी चोट पहुंचाएगा।

बुनियादी ढांचे को नियंत्रित करके और सुचारू जल प्रबंधन के द्वारा पानी के स्रोतों की संभाल की जरूरत पर जोर देते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा सतलुज नदी को नहरी तर्ज पर पक्का करने का सुझाव दिया जिसके लिए तीन से पांच सालों के समय के दौरान 4000 करोड़ रुपए ( 0. 7 बिलियन अमरीकी डॉलर) का निवेश अपेक्षित है और साथ ही कर से छूट, प्राइवेट और सरकारी जमीन का व्यापारिक प्रयोग जैसे वित्तीय उपबंध करने की भी जरूरत है। उन्होंने कहा की इसके लिए अंतर-राष्ट्रीय स्तर के तकनीकी-आर्थिक माहिरों द्वारा इसके व्यवहार्यता सम्बन्धी अध्ययन की शुरुआत से इस काम की शुरुआत की जा सकती है।

पंजाब के अधिकारियों की टीम भी भेजने समेत हर सहयोग दिया जायेगा

मुख्यमंत्री द्वारा यह भरोसा दिया गया की इस प्रोजेक्ट को अमली जामा पहनाने के लिए केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श समेत हर स्तर पर सहयोग के लिए पंजाब के अधिकारियों की टीम भी भेजने समेत हर सहयोग दिया जायेगा।  कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा मॉनसून के दौरान पाकिस्तान की तरफ जाते पानी को रोके जाने की जरूरत पर भी जोर दिया गया।

उन्होंने कहा की राज्य की तीन नदियों के किनारे कच्चे हैं जिनकी लंबाई 945. 24 किलोमीटर ( सतलुज 484. 12 किलोमीटर, रावी 245. 28 किलोमीटर और ब्यास 215. 84 किलोमीटर) बनती है और यह राज्य के कुल क्षेत्र का करीब 60 फीसदी बनता है। उन्होंने कहा की राज्य की कुल आबादी के 1/ 3 फीसदी हिस्से को मॉनसून के दौरान बाढ़ की मार झेलनी पड़ी। उन्होंने कहा की नहरी तर्ज पर नदियों को पक्के करने से पंजाब की आर्थिकता का घेरा बढ़ेगा, आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और राज्य की नौजवान पीढ़ी के लिए रोजगार के मौके बढ़ेंगे।

WhatsApp पर न्यूज़ Updates पाने  के लिए हमारे नंबर 8847567663 को अपने Mobile में Save करके इस नंबर पर Missed Call करें। हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करें













728
Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *