चंडीगढ़। हरियाणा में भाजपा द्वारा जारी किए गए संकल्प पत्र ने पंजाब में सियासी हलचल तेज हो गई है। एक तरफ संकल्प पत्र जारी करते वक्त मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पंजाब का हवाला देते हुए बयान दिया कि पंजाब में सैलरी देने के लिए पैसा नहीं है और बात किसानों की कर्जमाफी की की जा रही है। इस पर पंजाब के कैबिनेट मंत्री साधु सिंह धर्मसोत ने कहा कि इसकी फिक्र मनोहर लाल को करने की जरूरत नहीं है।
धर्मस्रोत ने कहा कि हमने केंद्र की भाजपा सरकार की मदद के बिना न सिर्फ किसानों के, बल्कि एससी-बीसी वर्ग के लोगों को भी कर्जमाफी का लाभ दिया है। धर्मसोत ने कहा, भाजपा ने हरियाणा को पानी देने के लिए एसवाईएल का निर्माण कराने की बात की, पर सच्चाई ये है कि न तो एसवाईएल बनी है और न बनेगी। दूसरी ओर फतेहाबाद में चुनाव प्रचार के दौरान पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं शिअद अध्यक्ष सुखबीर बादल ने कहा कि सरकार बनने वाली नहीं है, भाजपा विपक्ष में बैठेगी।
इस टिप्पणी के बाद एक बार फिर भाजपा और शिअद के नेताओं में बहस छिड़ गई है। भाजपा नेता चरणजीत ग्रेवाल ने सुखबीर बादल को अपनी जुबान पर संयम रखने की हिदायत दे डाली। वहीं, शिअद के प्रवक्ता चरणजीत सिंह बराड़ से बात करने पर उन्होंने कहा कि राज्य के हिसाब से पाटियों की राहें जुदा हैं तो नेताओं के बयान भी जुदा ही आएंगे। इसमें कोई विवाद की बात ही नहीं है।
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