अयोध्या मुद्दे पर तीखी बहस, मुस्लिम पक्ष के वकील ने अदालत में राम मंदिर का नक्शा फाड़ा, सुन्नी वक्फ बोर्ड ने जमीन से दावा छोड़ा

Daily Samvad
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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या के राम मंदिर-बाबरी मस्जिद केस पर आज 40वें दिन सुनवाई हो रही है. शीर्ष अदालत में आज इस मसले पर सुनवाई का आखिरी दिन है. फैसला अगले महीने की 15 तारीख तक आने की संभावना है. इस बीच सूत्रों ने बताया है कि मध्यस्थता पैनल ने एक सेटलमेंट रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल की है. इसमें सुन्नी वक्फ बोर्ड विवादित जमीन के बदले कहीं और जगह दिए जाने पर सहमत हुआ है।

इसके अलावा सभी धार्मिक स्थलों की 1947 वाली स्थिति बरकरार रखने वाले कानून पर अमल की भी बात कही है. यह कानून 1991 में नरसिंह राव सरकार ने पास किया था. रिपोर्ट के मुताबिक, सेटलमेंट प्रक्रिया में कई अहम हिंदू और मुस्लिम पक्षकार शामिल नहीं हुए है. अभी तक कोर्ट ने रिपोर्ट की चर्चा नहीं की है. सुन्नी वक्फ बोर्ड में अपरोक्ष रूप से सरकार के करीबी रहते हैं।

यहां ध्यान रहे कि राम मंदिर-बाबरी मस्जिद मामले में कई पक्षकार हैं. मुस्लिमों में भी कई पक्ष हैं. ऐसे में जब सुनवाई करीब-करीब पूरी हो चुकी है और सभी पक्ष अपनी दलील सुप्रीम कोर्ट में रख चुके हैं तो यह कहना मुश्किल है कि मध्यस्थता पैनल की रिपोर्ट सभी पक्ष मानेंगे।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद सुलझाने के लिए मध्यस्थता पैनल का गठन किया था. लेकिन मध्यस्थता पैनल तय समय सीमा में किसी नतीजे पर पहुंचने में नाकाम रहा. मध्यस्थता पैनल में वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीराम पांचू, आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज एफ एम आई कलीफुल्ला हैं।

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