डेली संवाद, सुल्तानपुर लोधी (कपूरथला)
बाबा नानक की पवित्र धरती सुल्तानपुर लोधी में संगतों के लिए पंजाब सरकार के प्रयासों से एक अनूठी पहल की गई है। दूर-दराज से आने वाले लोग पवित्र धार्मिक स्थलों तक पहुंचने के लिए सुल्तानपुर लोधी में स्थापित किए गए चार साइकिल स्टेंडों से सिर्फ अपना पहचान पत्र दिखाकर दिनभर के लिए मुफ्त में साइकिल ले सकते हैं।
दिनभर शहर का भ्रमण करने के बाद शाम को साइकिल स्टेंड पर वापिस जमा करवाना होगा। सुल्तानपुर लोधी में इस तरह के चार साइकिल स्टेंड स्थापित किए गए हैं। पहला साइकिल स्टेंड नगर काउंसिल दफ्तर के बाहर, दूसरा बस स्टेंड, तीसरा गुरुद्वारा श्री बेर साहिब और चौथा गुरुद्वारा श्री हट साहिब के नजदीक स्थापित किया गया है।
प्रत्येक साइकिल स्टेंड पर संगत के लिए 25-25 साइकिल उपलब्ध
विस्तृत जानकारी देते हुए हीरो कंपनी के सुपरवाइजर रिशब ने बताया कि प्रत्येक साइकिल स्टेंड पर संगत के लिए 25-25 साइकिल उपलब्ध हैं। यहां पर कोई भी व्यक्ति अपना पहचान पत्र दिखाकर साइकिल दिनभर के लिए ले सकता है। संबंधित व्यक्ति का आईकार्ड हम जमा कर लेते हैं और साइकिल वापस देने पर आईकार्ड वापस दे दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि जो लोग पूरे शहर का चक्कर लगाना चाहते हैं और भीड़भाड़ के चलते अपनी कार इत्यादि नहीं ला सकते, उनमें साइकिल को लेकर काफी क्रेज है। उन्होंने बताया कि 31 अक्टूबर को ये साइकिल स्टेंड शुरू किया गया था, जिसमें अब तक 1500 से ज्यादा संगत साइकिल राइड का फायदा ले चुकी है।
साइकिल स्टेंड से अपना पहचान पत्र जमा करवाकर एक साइकिल ले लिया
रोजाना 200 से ज्यादा संगत साइकिल राइड ले रही है। कुछ लोग आधे घंटे के लिए साइकिल ले जाते हैं तो कुछ दिनभर साइकिल अपने पास रखते हैं। उन्होंने बताया कि फिलहाल गुरुपर्व तक ये सेवा जारी रखी जाएगी, बाद में जरूरत पडऩे पर इसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है। रिशब ने बताया कि इस सेवा को लेकर काफी क्रेज है और लोग बड़ी तादाद में हमारे साइकिल स्टेंड्स पर साइकिल के लिए पहुंच रहे हैं।
साइकिल स्टेंड पर आए जालंधर के अवतार सिंह नगर के रहने वाले अमनप्रीत सिंह ने बताया कि वह गुरुघर में शीश नवाने आए थे लेकिन अब उन्होंने यहां स्थित सभी ऐतिहासिक गुरुद्वारा साहिब घूमने का मन बनाया है। इसलिए वह साइकिल लेकर सभी गुरुघरों तक जाना चाहते हैं, जिसके चलते उन्होंने साइकिल स्टेंड से अपना पहचान पत्र जमा करवाकर एक साइकिल ले लिया है।






