नई दिल्ली। पंजाब से कांग्रेस के विधायक नवजोत सिंह सिद्धू ने करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन समारोह में भाग लेने के लिए पाकिस्तान जाने की इजाजत मांगने के लिए तीसरी बार विदेश मंत्रालय को चिट्ठी लिखने के बाद अब उन्हें इसकी राजनीतिक मंजूरी मिल गई है। सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी है। अब सिद्धू 9 नवंबर को करतापुर कॉरिडोर के उद्घाटन समारोह में शामिल होने के लिए जा सकते हैं।
समाचार एजेंसी आईएएनएस के अनुसार, अमृतसर से विधायक नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में सिख तीर्थयात्रियों के “जत्थे” के साथ करतारपुर गुरुद्वारे में उद्घाटन के दिन जाने के लिए आवेदन नहीं किया था. इससे पहले मंत्रालय ने गुरुवार को यह कहकर मामले से किनारे कर दिया था किया कि वह इस तरह के ऐतिहासिक आयोजन की तैयारियों के समय ‘व्यक्तिगत यात्रियों’ पर ध्यान नहीं दे सकता।
कांग्रेसी नेता नवजोत सिद्धू को विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के रास्ते #KartarpurCorridor जाने की अनुमति दे दी है।
सिद्धू साहब, वाहेगुरु से अरदास करिए कि आपकी सरकार पंजाब को नशामुक्त बना सके।@sherryontopp @capt_amarinder @PunjabGovtIndia @DrDrnavjotsidhu @INCIndia @INCPunjab pic.twitter.com/cJk41HzaKt
— Mahabir Jaiswal (@mahabirjaiswal) November 8, 2019
पाकिस्तानी अधिकारियों ने सिद्धू को इस यात्रा के लिए पहले ही वीजा दे दिया है
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा, ‘वो जो चाहे कर सकते हैं. मैं पहले ही कह चुका हूं कि यह एक बहुत बड़ा अवसर है और हम किसी व्यक्तिगत यात्री के करतारपुर जाने की योजनाओं पर विचार नहीं कर सकते. मैं यहां उस पर टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा।
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार पाकिस्तानी अधिकारियों ने सिद्धू को इस यात्रा के लिए पहले ही वीजा दे दिया है. ‘पाकिस्तान ने भारतीय राजनेता नवजोत सिंह सिद्धू को बाबा गुरुनाक के पवित्र श्राइन की यात्रा के लिए वीजा जारी कर दिया है,’ पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल के हवाले से पीटीआई ने लिखा है।
उल्लेखनीय है कि सिद्धू ने शनिवार को भी विदेश मंत्रालय से पाकिस्तान में करतारपुर गलियारे के उद्घाटन समारोह में शामिल होने की अनुमति मांगी थी. क्रिकेट खिलाड़ी से नेता बने सिद्धू ने इससे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को चिट्ठी लिखी थी जिसे उन्होंने आगे की कार्रवाई के लिए मुख्य सचिव को भेजा था।







