अयोध्या मामले में आई फैसले की घड़ी: अफसरों की छुट्टियां रद्द, हर जिले में अस्थायी जेल बनाने के आदेश

Daily Samvad
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लखनऊ। करीब 400 साल पुराने अयोध्या के राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद विवाद में फैसले की घड़ी नजदीक आ गई है सुप्रीम कोर्ट में फैसला सुरक्षित रखे जाने के बाद उम्मीद है कि 13 से 15 नवंबर के बीच कभी भी फैसला आ सकता है. लिहाजा फैसले के काउंटडाउन के साथ ही प्रदेश में चौकसी बढ़ा दी गई है. शासन ने 15 दिसम्बर तक पुलिस के सभी आला अधिकारियों की छुट्टियां निरस्त कर दी है. साथ ही सभी जिलों में अस्थायी जेलें बनाने का निर्देश भी दिया गया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग को लकेर सूबे के सभी जिलों के जिलाधिकारी और पुलिस कप्तानों से बात की. उन्होंने निर्देश दिया कि प्रदेश स्तर पर एक कण्ट्रोल रूम और सभी जिलों में एक-एक कण्ट्रोल रूम तत्काल प्रभाव से संचालित किया जाए. ये कण्ट्रोल रूम 24 घंटे काम करेंगे. इतना ही नहीं मुख्यमंत्री ने लखनऊ और अयोध्या के लिए एक-एक हेलिकॉप्टर की तुरंत व्यवस्था करने का भी निर्देश दिया।

हर जिले में बनेगी अस्थायी जेलें

उधर फैसले के मद्देनजर हर जिले में अस्थायी जेल बनाने की तैयारी है. अयोध्याके आस-आपस के जिलों में सर्वाधिक जेलें बनाई जाएगी. इसके लिए स्कूलों को चुना गया है. अम्बेडकरनगर में आठ अस्थायी जेल बना दिए गए हैं. अयोध्या व उसके आस-पास कम से कम 50 कंपनी सुरक्षा बल की तैनाती होगी. जबकि सूबे के अन्य जिलों में सुरक्षा बल की 70 कंपनियां तैनात होंगी।

अयोध्या के सभी मार्ग सील

उधर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था पूरे प्रदेश में कड़ी कर दी है. इसी क्रम में अयोध्या में राम जन्मभूमि जाने वाले सभी मार्गों को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. साथ ही टेढ़ी बाजार से दोपहिया और चार पहिया वाहनों को भी रोक दिया गया है. अब सघन चेकिंग के बाद ही यात्री और श्रद्धालु राम नगरी की तरफ पैदल प्रवेश कर पा रहे हैं।















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