पिछली सरकारें चीनी मिलों को बेचती एवं बंद कराती थीं, हम नई मिलें लगाते और रोजगार देते हैं: योगी 

Daily Samvad
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिपराइच चीनी मिल का किया लोकार्पण। कहा – ये चीनी मिल किसानों की खुशहाली और युवाओं के रोजगार का आधार बनेगी

डेली संवाद, गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछली संवेदनहीन सरकारों को नौजवानों, व्यापारियों एवं किसानों की चिंता नहीं थी। वे चीनी मिलों को बेचती एवं बंद कराती थीं। भाजपा सरकार बंद चीनी मिलों को चलाती हैं और नई चीनी मिलें लगाती हैं।

मुख्यमंत्री योगी रविवार को गोरखपुर के पिपराइच में उत्तर प्रदेश राज्य चीनी एवं गन्ना विकास निगम के अंतर्गत पांच हजार टी.सी.डी. पेराई क्षमता की नई चीनी मिल एवं 27 मेगावाट को-जनरेशन प्लांट का लोकार्पण किया।

इस अवसर पर आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पिपराइच चीनी मिल को बंद करने की शुरुआत 2008 में हो गई थी और 2010-11 में इसे पूरी तरह बंद कर दिया गया। इसको लेकर हम लोग आंदोलन करते थे। जिसमें बीजेपी के सभी क्षेत्रीय नेता और हिंदू युवा वाहिनी के कार्यकर्ता शामिल होते थे।

योगी ने कहा कि 2017 में सरकार बनते ही पहली बैठक में पिपराइच की नई चीनी मिल लगाने का फैसला ले लिया गया था। उन्होंने कहा कि एक चीनी मिल के बंद होने का मतलब 50 हजार किसानों को बेकार कर देना, एक हजार नौजावानों से उनका रोजगार छीन लेना होता है।

योगी ने कहा कि पिपराइच चीनी मिल के पहले चरण में 50 हजार कुन्तल गन्ना की पेराई प्रतिदिन की जाएगी और सल्फर फ्री चीनी बनाई जाएगी। इसके साथ ही यहां 27 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाएगा। जिससे 30 हजार करोड़ रुपये की आमदनी होगी। इससे समय पर किसानों के गन्ना मूल्य का भुगतान हो सकेगा और लोगों को बिजली भी प्राप्त हो सकेगी।

ये चीनी मिल किसानों की खुशहाली और युवाओं के रोजगार का आधार बनेगी। उन्होंने कहा कि द्वितीय चरण में यहां अत्याधुनिक डिस्टलरी लगाई जाएगी और ईथेनॉल का उत्पादन भी किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सबका साथ और सबका विकास के नारे को साकार करते हुए सॉयल हेल्थ कार्ड, पीएम फसल बीमा योजना, किसान को लागत का डेढ़ गुना दाम, 6 हजार रुपये सालाना देने की व्यवस्था की। उन्होंने 26 वर्षों से बंद पड़े कारखाने की 2016 में फिर से आधारशिला रखने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद किया।

योगी ने आगे कहा हमारी सरकार ने प्रधानमंत्री मोदी से प्रेरणा लेते हुए प्रदेश में सरकार बनते ही लघु और सीमांत किसानों का 1 लाख रुपये तक का कर्ज माफ किया।

उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने 6 वर्षों के गन्ना मूल्य का भुगतान किसानों को नहीं किया था। लोगों को आश्चर्य होता है कि मंदी के दौर में भी प्रदेश सरकार ने 76 हजार करोड़ रुपये का किसानों के गन्ना मूल्य का भुगतान किया। हमारी सरकार किसानों के गन्ना मूल्य की पाई-पाई चुकाने के लिए प्रतिबद्ध है।

किसानों से अपील- न जलाएं पराली

योगी ने कहा कि धरती हमारा पेट भरती है। धरती माता की उर्वरक क्षमता बनी रहे इसके लिए सरकार सभी संसाधन उपलब्ध कराएगी। उन्होंने कहा कि प्रदूषण आज की बहुत बड़ी समस्या है, इसलिए खेतों में धान की पराली या गन्ने की पत्तियों को न जलाएं, बल्कि उसे कंपोस्ट में परिवर्तित करें।

इससे खेत की उर्वरक क्षमता में भी वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि ये हम सब की जिम्मेदारी है कि सर्दियों में कोई भी फुटपाथ या पटरियों पर न सोए। सभी को रैन बसेरों में पहुंचाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

रामगढ़ताल अच्छी लोकेशन, फिल्म बनाएं रविकिशन

योगी ने कहा कि रामगढ़ताल की प्राकृतिक सुंदरता सभी को अपनी ओर आकर्षित करती है। आज यह ताल सासंद रविकिशन के लिए फिल्म बनाने का सबसे अच्छा लोकेशन बन गया है। उन्हें इस पर फिल्म फिल्म बनानी चाहिए। पहले ही दिन फिल्म देखने के लिए दर्शकों को आपार भीड़ उमड़ पड़ेगी, जिसके लिए फोर्स तक लगानी पड़ेगी।

पूर्वांचल को चीनी का कटोरा बनाने में जुटी योगी सरकार

योगी आदित्यनाथ की सरकार पूर्वांचल को एक बार फिर वही चीनी के कटोरे की पहचान दिलाने में जुटी है। इस बात का सबूत पिपराइच में रिकॉर्ड एक साल के भीतर तैयार हुई पिपराइच चीनी मिल है।

आज योगी आदित्यनाथ ने इस मिल का उद्घाटन किया। यहां प्रत्यक्ष तौर पर 15 हजार लोगों को तो अप्रत्यक्ष तौर पर 30 हजार किसान भाइयों को मिला कर कुल लगभग 45 हजार लोगों को यहां रोजगार मिलेगा। इस चीनी मिल के उद्घाटन के बाद जल्द ही मुख्यमंत्री बस्ती की मुंडेरवा चीनी मिल का भी शुभारंभ करने जा रहे हैं।

रमाला के शुभारम्भ से 45 हजार लोगों को मिल रहा है रोजगार

इससे पहले योगी पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की कर्मभूमि रमाला में भी 50 हजार कुंतल क्षमता की चीनी मिल का शुभारंभ किया था। यहां से भी 27 मेगावाट बिजली और 45 हजार लोगों के लिए रोजगार के अवसर मिल रहे हैं।

इसी प्रकार पिछले दस सालों से बंद पड़ी चार चीनी मिलों– सहारनपुर, बुलंदशहर, चंदौसी व मेरठ का पुनरूद्धार कर वहां रोजगार व विकास के अवसर पैदा किए गए वहीं एक दर्जन से ज्यादा चीनी मिलों की क्षमता बढा कर किसानों की सालों से चली आ रही मांग को पूरा किया गया।











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