चेयरमैन डीपी रेड्डी ने पहले साल के कार्यकाल में पंजाब स्टेट फूड कमीशन को पुनर्जीवित किया

Daily Samvad
3 Min Read

डेली संवाद, चंडीगढ़
पंजाब स्टेट फूड कमीशन के कामकाज में नयी जान डालते हुए चेयरमैन श्री डी.पी. रैड्डी ने कमीशन को पुनर्जीवित किया। कमीशन का सफलतापूर्वक नेतृत्व करते हुए इसे आत्मनिर्भर इकाई के तौर पर और भरोसेयोग्य बनाया।

राज्य के अलग-अलग विभागों के बीच साझे तालमेल के अलावा लक्ष्यों की केन्द्रित निगरानी और योजनाबंदी ने राज्य के सामाजिक कल्याण स्कीमों जैसे कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के संवितरण में कमीशन ने अहम भूमिका निभाते हुए और ज्यादा जवाबदेही और कुशलता को यकीनी बनाया है।

सरकारी योजनाओं की समय पर उपलब्धता के उद्देश्य को और पक्के ढंग से अमल में लाने के मद्देनजऱ कमीशन ने खाद्य और सप्लाई, शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास विभाग के साथ नियमित रूप से मीटिंगें कीं। इन योजनाओं के अंतर्गत लाभ को तेज़ी और प्रभावशाली ढंग से उपलब्ध कराने के लिए अलग-अलग विभागों को निर्देश देते हुए कमीशन की तरफ से की गई 17 मीटिंगों में यह सुनिश्चित किया गया कि कामकाज और कार्य विधि को सुचारू बनाने पर ज़ोर दिया जाये।

नगरिकों को सामाजिक न्याय दिलाएंगे

पिछले साल अक्तूबर में कमीशन की बागडोर संभालने वाले श्री डी पी रैड्डी ने कहा कि हमारा उद्देश्य हमारे नागरिकों को सामाजिक न्याय दिलाने की इस प्रक्रिया में सभी भागीदारों को शामिल करने के साथ-साथ राज्य सरकार के उद्देश्य मुताबिक इन लाभों को हर आम आदमी तक पहुंचाना था। उन्होंने आगे कहा कि यह एक साल उनके लिए निजी तौर पर बहुत संतोषजनक रहा है क्योंकि कमीशन की तरफ से लोक हितों और सरकार के प्रयासों को पूरा करने के लिए कई कदम उठाए गए।

कमीशन के कामकाज में डिजिटल क्रांति का नेतृत्व करते हुए श्री रेड्डी ने यह भरोसा दिलाया कि कमीशन सभी सामाजिक मंचों पर उपलब्ध है, चाहे यह फेसबुक या ट्विट्टर हो। लोक कल्याण स्कीमों बारे आम लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए एक मल्टीमीडिया प्रचार मुहिम चलाई गई जिसमें आकर्षित संगीतमयी विज्ञापन और छोटी फिल्में शामिल हैं।

दफ़्तर एक छत के नीचे मैगसीपा की बिल्डिंग में शिफ्ट हुआ

इस दौरान कमीशन के कामकाज में और ज्यादा कार्यकुशलता और कमीशन के चेयरमैन और सदस्यों के बीच बेहतर तालमेल बिठाने के लक्ष्य के अंतर्गत इसका दफ़्तर एक छत के नीचे मैगसीपा की बिल्डिंग में शिफ्ट हुआ जबकि इससे पहले कमीशन का कामकाज दो अलग-अलग स्थानों पर चलता था।

वित्तीय स्रोतों की अलॉटमेंट को बढ़ाने को भी एक और प्राप्ति कहा जा सकता है जिसके नतीजे के तौर पर दफ़्तर वाली जगह पर बुनियादी ढांचे में काफ़ी सुधार हुआ है। वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान मौजूदा फंड की रकम 30 लाख रुपए से बढ़ाकर 50 लाख रुपए करने को यकीनी बनाया। इसी तरह साल 2019-20 का बजट भी गैर-वेतन हैड के अंतर्गत 10.01 लाख रुपए से बढ़ाकर 71.70 लाख प्राप्त कर लिया है।




728

728
Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

news website development in jalandhar