राष्ट्रपति बलात्कार हत्या करने वाले के खिलाफ एक हफ़्ते मे पुलीस जाँच कर महीने मे फाँसी देने का प्रावधान लागू करे राष्ट्रीय से रहम एवं हाईकोर्ट सप्रीम कोर्ट मे अपील करने का प्रावधान समाप्त हो। हर पहलू पर सुनवाई क़ेवल एक बार हो सैशन,हाई व सप्रीम कोर्ट के पाँच जजों की अदालत करे
डेली संवाद, जालंधर: कुछ दिन पहले हैदराबाद मे महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार कर उसकी निर्मम हत्या करने के मामले पर पंजाब युवा भाजपा के मीडिया इंचार्ज एडवोकेट अशोक सरीन हिक्की ने साथ युवा नेता कार्तिक दुग्गल व गौरव राय ने गहरा दुःख व्यक्त करते हए कहा हैदराबाद मे बलात्कारी हत्यारे दुष्टों ने फिर भारत की पवित्र संस्कृति को कलंकित किया है।
इसके खिलाफ देश की जनता को आपसी किसी भी तरह के मनभेदो एवं मतभेदों से ऊपर उठ कर भविष्य मे दोबारा इस तरह की घटना ना घट सके उसके लिए सख़्त एवं ठोस कारवाई तय समय मे करवाने के लिए देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, उप-राष्ट्रपति, क़ानून मंत्री एवं सप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र लिखने चाहिए ताकि आज़ाद घूमने वाले वैशी भेड़िये जो इस तरह के कुकर्म करते है उनके होंसलो को भारत मे ख़त्म किया जा सके।
सरीन ने आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नाम इस तरह के अपराध रोकने के लिए पत्र लिखा युवाओं के साथ जारी किया। जिसमे सरीन ने लिखा की भाजपा के कार्यकर्ता होने से पहले वह भारत के नागरिक है।
सरीन ने पत्र मे लिखा की बलात्कार कर हत्या करने जैसे दरिंदों के खिलाफ दर्ज मामले की जाँच देश मे अनुभवी तीन अथवा पाँच आइ.पी.एस अधिकारीयो की कमेटी गठित कर कुछ घंटो एक सप्ताह मे हर पहलू से पुलिस जाँच पूर्ण कर अदालत मे दाखिल करने का प्रावधान भारत सरकार को लागू करवाना चाहिए।
दूसरा इस तरह के संगीन मामलों की सुनवाई के लिए केवल एक विशेष अदालत का गठन होना चाहिए। जिसमे एक सेशन जज, दो हाई-कोर्ट के जज और दो सप्रीम कोर्ट के जजों का बेंच होना चाहिए। जो हर रोज 12-14 घंटे कार्य कर हर पहलू पर सुनवाई कर 7 दिन मे अपनी सुनवाई पुरी कर आरोपियों को फाँसी की सजा दे।
ज़्यादा से ज़्यादा एक महीने के अंतर्गत दोषियों को फाँसी पर लटका देने वाला प्रावधान लागू किया जाए। तीसरा इस तरह के मामलो मे किसी भी तरह से दोषीयो को हाईकोर्ट, कोर्ट एवं राष्ट्रपति से रहम की अपील करने के हर प्रावधान को भारत मे समाप्त कर देना चाहिए।
चौथा इस तरह के मामलो मे दोषियों को उनकी उमर के हिसाब से सजा देने मे कोई मापदंड अलग नही होना चाहिए। चौथा रेप करने वाला आरोपी मानवता की सभी हदो को पार कर जाता है। इसलिए किसी भी तरह से बलात्कार कर हत्या करने के किसी भी दरिंदे आरोपी को उसकी आयु के अनुसार सजा मे रियायत नही देनी चाहिए। सबको इस तरह के मामलो मे एक ही सजा एक महीने मे फाँसी होनी चाहिए।






