नई दिल्ली। अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद में सुन्नी वक्फ बोर्ड समेत मुस्लिम पक्ष की ओर से जिरह करने वाले सीनियर वकील राजीव धवन को केस से हटा दिया गया है. राजीव धवन ने खुद फेसबुक पर पोस्ट लिखकर इसकी जानकारी दी है।
सीनियर वकील राजीव धवन ने फेसबुक पर लिखा- ‘बाबरी केस के वकील (एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड) एजाज मकबूल ने मुझे बर्खास्त कर दिया है, ये जमीयत का मुकदमा देख रहे हैं. जमीयत को ये हक है कि वो मुझे केस से हटा सकते हैं, लेकिन मुझे बिना आपत्ति के हटाया गया. अब मैं डाली गई पुनर्विचार याचिका में शामिल नहीं हूं।’ धवन ने आगे लिखा, ‘कहा जा रहा है कि मुझे केस से इसलिए हटा दिया गया है, क्योंकि मेरी तबीयत ठीक नहीं है. ये बिल्कुल बकवास है.’
अयोध्या केस में पुनर्विचार याचिका दाखिल
सोमवार को अयोध्या रामजन्मभूमि विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट में पहली पुनर्विचार याचिका दाखिल हुई. इस पुनर्विचार याचिका को मौलाना सैय्यद अशद राशिदी ने दाखिल किया है. राशिदी अयोध्या भूमि विवाद के पक्षकार एम सिद्दीक के कानूनी वारिस है. इस याचिका में उन्होंने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के 9 नवंबर के फैसले में भारी खामियां हैं. इसलिए इसमें पुनर्विचार की जरूरत है।
वकील एजाज मकबूल की 217 पेज की याचिका में 217वें पेज पर कहा गया है, “माननीय न्यायालय ने राहत देने में गलती की है जो कि बाबरी मस्जिद को ध्वस्त करने आदेश जैसा है.” माननीय कोर्ट ने हिंदू पक्ष को जमीन देकर 1934, 1949 और 1992 के दौरान हुए अपराधों को पुरस्कार देने की गलती की है. वह भी ऐसे में जब वह (कोर्ट) स्वयं कह चुका है कि यह कार्य गैरकानूनी थे।