पंजाब में कांग्रेस विधायक लोगों पर जुल्म ढा रहे हैं, CM अमरिंदर सिंह मौन हैं, पढ़ें सुखबीर बादल का बड़ा आरोप

Daily Samvad
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मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल के सीएए पर अकाली दल अध्यक्ष के स्टैंड की सराहना की। अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस सरकार को शामलात जमीनें अपने चहेतों को नही बेचनें देंगे।

डेली संवाद, पटियाला
शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह लोगों के बीच नही जाते हैं तथा कांग्रेसी विधायकों की धक्केशाहियां ने लोगों का जीना दूभर कर रखा है। उन्होेने पुलिस अधिकारियों को चेतावनी दी कि यदि उन्होंने पीड़ित लोगों को न्याय न दिया तो राज्य में अकाली-भाजपा सरकार बनने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

यहां मिनी सचिवालय के सामने एक विशाल धरने को संबोधित करते हुए अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि पंजाब में पहले कभी भी ऐसे हालात नही बने जब सभी अवैध काम सत्ताधारी पार्टी के विधायकों द्वारा किए जा रहे हैं। उन्होने कहा कि अब स्थिति ऐसी है कि कांग्रेसी विधायक मदन लाल जलालपुर ने पुलिस को गांव तख्तुपूरा की एक महिला को उठाकर लाने का आदेश दे दिया है तथा 42 गांव वासियों के खिलाफ झूठा केस दर्ज करवा दिया है।

पटियाला के एसएसपी को इस मामले में तत्काल कार्रवाई करने तथा झूठा केस वापिस लेने के लिए कहते हुए सरदार बादल ने कहा कि जब राज्य में अकाली-भाजपा सरकार बन गई तो लोगों के खिलाफ झूठे केस दर्ज करने के लिए जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

मुख्यमंत्री के गृह जिले में सिर्फ अवैध रेत खनन का धंधा

अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेसी नेता मुख्यमंत्री के गृह जिले में सिर्फ अवैध रेत खनन तथा अवैध शराब का ही धंधा नही कर रहे, बल्कि नशा तस्करों से मासिक पैसे भी ले रहे हैं। उन्होने कहा कि कांग्रेसी विधायकों समेत इन नेताओं की इन अवैध धंधों के लिए जवाबदेही होगी।

बादल ने यह भी घोषणा की कि अकाली दल कांग्रेस सरकार को शामलात जमीनें अपने चहेतों को कोड़ी के भाव नही बेचने देगा। मुस्लिम भाईचारे के एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा अकाली दल अध्यक्ष को एक घोषणा पत्र भी दिया गया, जिसमें भाईचारे द्वारा नागरिकता संसोधन एक्ट (सीसीए) में मुस्लिम लोगों को शामिल करने संबधी सरदार बादल द्वारा लिए स्टैंड की सराहना की।

बादल ने कहा कि वह संसद में यह बात स्पष्ट कर चुके हैं तथा इस प्रस्ताव के लिए उनकी यह राय है कि लोेकतांत्रिक तथा धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों तथा गुरु साहिबान के ‘सरबत का भला’ के संदेश को ध्यान में रखते हुए मुस्लिम भाईचारे के लोगों को सीएए से बाहर नही रखा जाना चाहिए।















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