एक लाख से अधिक बिजली बिल जमा करने वालों के लिए इनकम टैक्स विभाग ने जारी किया नया आदेश, पढ़ें

Daily Samvad
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नई दिल्ली। सालाना एक लाख का बिजली बिल दे रहे करदाता आयकर रिटर्न (आईटीआर) फॉर्म 1 सहज से नहीं भर सकेंगे। इसके अलावा घर के संयुक्त मालिकाना हक वाले करदाता अगले वित्त वर्ष के लिए आईटीआर फॉर्म 1 या 4 में रिटर्न नहीं भर सकेंगे।
अन्य महत्वपूर्ण बदलाव के अनुसार बैंक खाते में 1 करोड़ रुपये जमा कराने वाले, विदेश यात्रा पर 2 लाख खर्च करने वाले करदाता भी इस बार फॉर्म 1 का प्रयोग नहीं कर सकेंगे। इनके लिए नए फॉर्म की जानकारी बाद में दी जाएगी।

दरअसल, आयकर विभाग ने  वित्त वर्ष 2020-21 (एसेसमेंट ईयर 1 अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2020 तक) के लिए इनकम टैक्स रिटर्न के आईटीआर 1 और आईटीआर 4 के नए फार्म जारी कर दिए हैं। पिछले साल की तरह इस बार भी वित्त वर्ष की शुरुआत में ही इन्हें जारी किया गया है। आमतौर पर यह अप्रैल में जारी किया जाता है।

अधिसूचना के अनुसार इस बार ऐसे लोगों को भी इस पर आयकर रिटर्न भरना होगा, जिनका किसी संपत्ति पर संयुक्त मालिकाना हक है। हालांकि, ये फॉर्म अभी सिर्फ अधिसूचित किए गए हैं। अभी रिटर्न भरने की सुविधा नहीं शुरू हुई।

किसके लिए है आईटीआर-1व्यक्तिगत करदाता, जिनकी सालाना आय 50 लाख से अधिक न हो

किसके लिए है आईटीआर-4

आईटीआर 4 या सुगम फॉर्म ऐसे व्यक्तिगत करदाताओं, हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली (एचयूएफ) और फर्म (लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप या एलएलपी के अलावा) के लिए है जिनकी कुल आय 50 लाख रुपये तक है और जिनकी संभावित आय व्यवसाय या रोजगार से है।

एसेसमेंट ईयर क्या है?

कोई व्यक्ति या कंपनी जिस वित्त वर्ष में आय अर्जित करती है, आयकर विभाग उसका एसेसमेंट अगले वित्त वर्ष में करता है. इसे ही एसेसमेंट ईयर (आकलन का साल) कहते हैं।













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