आतंकियों के मददगार DSP देवेंद्र सिंह को पकड़ने के लिए पुलिस को दो महीने करना पड़ा इंतजार, जाने वजह

Daily Samvad
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नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में आतंकियों को मदद करने के आरोप में गिरफ्तार डीएसपी देवेंद्र सिंह लंबे समय तक सुरक्षा एजेंसियों की आंखों में धूल झोंकता रहा. इसके खिलाफ कई बार जांच हुई, लेकिन हालात ऐसे रहे कि वो हर बार बच गया. लेकिन देवेंद्र सिंह इस बार जब श्रीनगर से आतंकियों को लेकर चला तो उसका गुडलक खत्म हो चुका था।

शोपियां के डीएसपी संदीप चौधरी के नेतृत्व में पुलिस की एक टीम ने पहली बार एक फोन कॉल रिकॉर्ड किया. इस कॉल में मौजूद सनसनीखेज जानकारियां पुलिस अफसरों को चौका गई. संदीप चौधरी ने इस कॉल की जानकारी अपने सीनियर अधिकारियों को दी. इसके बाद से ही 57 साल के डीएसपी देवेंद्र सिंह की हर हरकत पर विशेष निगाह रखी जाने लगी।

शुक्रवार को रिकॉर्ड किया गया कॉल

शुक्रवार (10 जनवरी) को देवेंद्र सिंह ने हिज्बुल के स्वयंभू जिला कमांडर नवीद बाबू से बात की. इंटेलिजेंस एजेंसियों ने इस कॉल को रिकॉर्ड कर लिया और उन्हें पूरे प्लान की जानकारी हो गई. डीएसपी देवेंद्र सिंह नवीद बाबू और उसके एक साथी को लेकर श्रीनगर से जम्मू जाने वाला था।

छुट्टी पर था देवेंद्र सिंह

डीएसपी देवेंद्र सिंह ने आतंकी नवीद बाबू को श्रीनगर ले जाने के लिए ड्यूटी से छुट्टी ले रखी थी. देवेंद्र सिंह इस वक्त श्रीनगर एयरपोर्ट पर एंटी हाईजैकिंग यूनिट में तैनात था. इस कांड में उसकी भागीदारी सामने आने के बाद उसे सस्पेंड कर दिया गया है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक नवीद बाबू और उसके साथी को इरफान नाम का शख्स डीएसपी के घर लेकर आया था. पुलिस के मुताबिक इरफान हिज्बुल का ओवरग्राउंड वर्कर है।

मीर बाजार में हुआ खेल खत्म

शनिवार को देवेंद्र सिंह नवीद बाबू और उसके साथी को अपनी आई-10 कार से श्रीनगर से लेकर रवाना हुआ. उसकी कार तेजी से जम्मू की ओर जाने वाली हाईवे पर दौड़ रही थी. इधर पुलिस और दूसरी एजेंसियों को उसकी मूवमेंट की पूरी जानकारी थी।















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