मुंबई। महाराष्ट्र में शिवसेना के प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर अंडरवर्ल्ड डॉन हाजी मस्तान और करीम लाला से मिलने का आरोप लगाया है। जिससे कि राजनीति गरमा गई है। हालांकि अपने बयान पर विवाद बढ़ने के बाद राउत ने सफाई दी है।
संजय राउत का कहना है कि करीम लाला पठानों के नेता थे और कई राजनेता उनसे मिलने के लिए आते थे। वहीं महाराष्ट्र कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष मिलिंद देवड़ा ने शिवसेना नेता से अपना बयान वापस लेने की मांग की है।
संजय राउत ने क्या कहा
मुंबई में एक कार्यक्रम में अपनी पत्रकारिता के अनुभव साझा करते हुए राउत ने कहा कि साठ से अस्सी के दशक की शुरुआत तक मुंबई के अंडरवर्ल्ड में करीम लाला, मस्तान मिर्जा उर्फ हाजी मस्तान और वर्दराजन मुदालायर तीन डॉन हुआ करते थे। वे तय करते थे कि मुंबई पुलिस का कमिश्नर कौन होगा और कौन राज्य सचिवालय में बैठेगा। जब हाजी मस्तान मंत्रालय आता तो पूरा सचिवालय उसे देखने के लिए काम छोड़कर नीचे चला आता था। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधई करीम लाला से दक्षिणी मुंबई के पायधोनी में मुलाकात करती थीं।
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दाऊद से मुलाकात
राउत ने एक चौंकाने वाला खुलासा करते हुए बताया कि मैंने 1993 मुंबई सीरियल धमाके में प्रमुख आरोपी दाऊद इब्राहिम से भी मुलाकात की थी और उसे लताड़ लगाई थी। हमने उस वक्त का अंडरवर्ल्ड देखा है। अब तो बस चिल्लर रह गया है।
सियासी बवाल के बाद दी सफाई
इंदिरा गांधी को लेकर दिए बयान पर सफाई देते हुए शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी का हमेशा सम्मान रहा है। जहां तक करीम लाला की बात है तो वो पठानों के नेता के तौर पर जाना जाता था। इसलिए उससे अन्य नेता मिला करते थे। उन्होंने कहा, ‘मैंने इंदिरा गांधी, पंडित नेहरू, राजीव गांधी और गांधी परिवार के प्रति हमेशा सम्मान दिखाया है।
विपक्ष में होने के बावजूद किसी ने ऐसा नहीं किया। जब भी लोगों ने इंदिरा गांधी को निशाना बनाया मैं उनके लिए खड़ा रहा। बहुत से राजनीतिक लोग करीम लाला से मिलने जाते थे। उस समय वक्त अलग था। वह पठान समुदाय का नेता था, वह अफगानिस्तान से आया था। इसलिए लोग पठान समुदाय की समस्याओं को लेकर उनसे मिलते थे।’
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कौन था अंडरवर्ल्ड डॉन करीम लाला
अंडरवर्लड डॉन करीम लाला का पूरा नाम अब्दुल करीम शेर खान था। उसका जन्म अफगानिस्तान में हुआ था। वह 1930 में मुंबई आया था। लाला साल 1960 से 1980 के बीच मुंबई में अंडरवर्ल्ड का एक बड़ा नाम बन गया था। वह देश की आर्थिक राजधानी में सोने, चांदी और हथियारों की तस्करी किया करता था।







