नई दिल्ली। निर्भया मामले में अब तक की सबसे बड़ी खबर आ रही है। ताजा घटनाक्रम में चारों दोषियों में से एक मुकेश सिंह की दया याचिका केंद्रीय गृह मंत्रालय की सिफारिश पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को खारिज कर दी है। ऐसे में मुकेश सिंह के पास फांसी से बचने का अंतिम रास्ता भी बंद हो गया है और मुकेश को फांसी लगना तय है।
बता दें कि मुकेश की दया याचिका राष्ट्रपति के पास भेजने के साथ उसे खारिज करने की भी सिफारिश केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से की गई थी। इस पर अमल करते हुए राष्ट्रपति की ओर यह याचिका खारिज की गई है। इससे पहले दिल्ली सरकार की ओर याचिका खारिज करने की अपील करते हुए इसे उपराज्यपाल अनिल बैजल के पास भेजा गया था।
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बता दें कि पिछले दिनों दोषी मुकेश सिंह ने तिहाड़ जेल प्रशासन के पास दया याचिका दी थी। यह याचिका राष्ट्रपति के पास तिहाड़ प्रशासन के जरिये दिल्ली सरकार फिर उपराज्यपाल और फिर केंद्रीय गृह मंत्रालय होते हुए राष्ट्रपति के पास पहुंची थी।
राष्ट्रपति को होता है सजा माफ करने का अधिकार
यहां पर बता दें कि फांसी की सजा पाया दोषी राष्ट्रपति के पास रहम पाने के लिए दया यायिका दायर कर सकता है। वहीं, राष्ट्रपति को संविधान की धारा-72 के तहत यह अधिकार हासिल है कि वह फांसी की सजा माफ कर सकते हैं।
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फांसी टलने पर राजनीतिक घमासान
वहीं, डेथ वारंट जारी होने के बाद फिर निर्भया के दोषियों की फांसी टलने पर दिल्ली के राजनीतिक गलियारे में घमासान मचा हुआ है। दिल्ली भाजपा के चुनाव प्रभारी और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने इसके लिए AAP की दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।
वहीं, उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने कहा कि केंद्र सरकार का एक मंत्री इतने संवेदनशील मुद्दे पर इतना बड़ा झूठ कैसे बोल सकता है। दिल्ली सरकार निर्भया के दोषियों को जल्द फांसी दिलाने के पक्ष में है। वही जावडेकर का कहना है कि महिलाओं से जुड़े अपराधों के मामले में आप सरकार असंवेदनशील हो गई है।