लखनऊ। सर्द हवाएं, गलन और कड़ाके की ठंड के बाद भी लखनऊ के घंटाघर पर नागरिकता संशोधन कानून को वापस लिए जाने के लिए महिलाओं का प्रदर्शन जारी है। इसी बीच पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की बेटी टीना यादव भी अपने दोस्तों के साथ धरने पर पहुंची थी। टीना को वहां देख सभी लोग हैरान हो गए और चारों तरफ उन्हीं की चर्चा होने लगी।
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर घंटाघर पर महिलाओं का प्रदर्शन शुरू होने के बाद घंटाघर की घड़ी में चाबी नहीं भर पा रही थी। जब हुसैनाबाद ट्रस्ट के कर्मचारी चाबी भरने के लिए घंटाघर पहुंचते तो वहां पर तैनात पुलिसकर्मी डांटकर उनको वापस कर देते।
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इसकी वजह से तीन दिन तक घंटाघर की घड़ी बंद रही। बाद में, हुसैनाबाद ट्रस्ट के प्रशासनिक अधिकारी हबीबुल हसन को इसकी जानकारी हुई तो वह खुद कर्मचारियों को अपने साथ लेकर घंटाघर पहुंच गए। उन्होंने अपने सामने मशीन में चाबी भरवाई और घड़ी को चालू कराया।
सबसे बड़ा मजहब इंसानियत
घंटाघर पर महिलाओं के प्रदर्शन में रात भर ड्यूटी करने वाले पुलिस कर्मियों को महिलाओं ने देर रात चाय व पूड़ी बांटी। सादिया ने बताया कि पुलिसकर्मी रात भर जाग कर उनकी सुरक्षा में तैनात है। भले ही वह प्रदर्शन समाप्त करने का प्रयास कर रहे लेकिन फिर भी वह इंसान है और इंसानियत सबसे बड़ा धर्म है। इसलिए हम लोग प्रदर्शन करने वाली महिलाओं के साथ-साथ पुलिस कर्मियों को भी खाने पीने सामान बांट रहे हैं।
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शाहीनबाग में महिलाओं के प्रदर्शन पर नगदी बांटे जाने के आरोप के बाद लखनऊ घंटाघर पर महिलाओं ने नो कैश, नो पेटीएम का बोर्ड टांग दिया है। महिलाओं का कहना है कि किसी सदस्य को मदद करना है तो वह जरूरत का सामान मुहैया करा सकता है। किसी भी तरह की नगदी व पेटीएम से पैसा नहीं लिया जाएगा।