डेली संवाद, चंडीगढ़
सिविल अस्पताल फगवाड़ा के ब्लड बैंक में एक नौजवान को अलग ब्लड ग्रुप का ख़ून देने और दो मरीजों को संक्रमित ख़ून देने सम्बन्धी हुई लापरवाही का गंभीर नोटिस लेते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री ने आज इस घटना की विस्तृत जांच करवाने और राज्य के सभी ब्लड बैंकों का तुरंत निरीक्षण करने के आदेश दिए हैं।
यह हुक्म फगवाड़ा में दो मरीजों को एचसीवी और एचबीएसएजी से संक्रमित ख़ून की दो ईकाईयांं दिए जाने सम्बन्धी मीडिया की रिपोर्टों के मद्देनजऱ जारी किया गया है। सरकारी प्रवक्ता के अनुसार इस घटना के बाद फगवाड़ा के ब्लड बैंक को बंद कर दिया गया है और सम्बन्धित बीटीओ डॉ. हरदीप सिंह सेठी को निलंबित कर दिया गया है और एलटी रवि पॉल की सेवाएं भी निलंबित कर दी गई हैं।
[ads1]
एसएमओ डॉ. कमल किशोर को भी निलंबित कर दिया गया
उन्होंने आगे खुलासा किया कि एसएमओ डॉ. कमल किशोर को भी निलंबित कर दिया गया है और सिविल सर्जन कपूरथला को इस अपराधिक लापरवाही के लिए पुलिस विभाग के पास अपराधिक शिकायत दर्ज कराने के लिए कहा गया है। मुख्यमंत्री ने इस मामले पर गंभीर चिंता जाहिर करते हुए स्वास्थ्य विभाग को सभी ब्लड बैंकों की तुरंत जांच करवाने के निर्देश दिए हैं जिससे ख़ून प्रबंधन के सही मापदण्डों के पालन को यकीनी बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्धी कोई भी ढील बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
मुख्यमंत्री के निर्देशों पर कपूरथला जि़ले के सभी ब्लड बैंकों का अगले तीन दिनों के अंदर सिविल सर्जनों के नेतृत्व वाली डिस्ट्रिक्ट ब्लड ट्रांसफीऊजऩ कमेटी द्वारा निरीक्षण किया जायेगा। उन्होंने आगे कहा कि अन्य जांच प्रक्रियाओं के अलावा फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन, पंजाब ब्लड एंड ट्रांसफ्यूजन कमेटी की टीमों द्वारा अगले 15 दिनों में सभी सरकारी ब्लड बैंक का निरीक्षण और 31 मार्च तक सभी प्राईवेट ब्लड बैंकों का निरीक्षण किया जायेगा। यह भी देखा गया है कि डिस्ट्रिक्ट कमेटियां समय-समय पर ब्लड बैंक का निरीक्षण नहीं कर रहीं।
[ads2]
ब्लड बैंकों की जांच को यकीनी बनाने के लिए निर्देश
सिविल सर्जनों को अब समय-समय पर ब्लड बैंकों की जांच को यकीनी बनाने के लिए निर्देश दिए गए हैं जिससे मानक कार्यकारी प्रक्रियाओं का पालन किया जा सके और भविष्य में ऐसी गलतियाँ फिर न घटें। हरेक महीने इस सम्बन्धी एक रिपोर्ट पंजाब स्टेट ब्लड ट्रांसफीऊजऩ कौंसिल को भेजने सम्बन्धी भी मुख्यमंत्री द्वारा निर्देश दिए गए हैं।
प्रवक्ता ने बताया कि फगवाड़ा में यह घटना 30 जनवरी को ड्रग इंस्पेक्टरों द्वारा ब्लड बैंक के साझे निरीक्षण के दौरान सामने आई। इस पर तुरंत कार्यवाही करते हुए सिविल सर्जन कपूरथला द्वारा जांच और तथ्यों की पड़ताल के लिए तुरंत एक मैडीकल बोर्ड का गठन किया गया।