अमरावती। आंध्र प्रदेश सरकार ने पुलिस महानिदेशक रैंक के आईपीएस अधिकारी एबी वेंकटेश्वर राव को कथित तौर पर ‘देशद्रोह के कृत्यों के जरिये’ राष्ट्रीय सुरक्षा को ‘खतरे में डालने’ के आरोपों के तहत निलंबित कर दिया। ये आरोप तब के हैं, जब वह राज्य खुफिया सेवा के प्रमुख थे।
मुख्य सचिव नीलम साहनी ने पुलिस महानिदेशक गौतम स्वांग की रिपोर्ट के आधार पर यह आदेश जारी किया. इसमें राव पर सुरक्षा उपकरणों की खरीद प्रक्रिया में ‘गंभीर भ्रष्टाचार’ के आरोप लगाए गए हैं। 1989 बैच के IPS राव को वाईएस जगनमोहन रेड्डी सरकार द्वारा पिछले साल इंटेलिजेंस प्रमुख पद से हटा दिया गया था। तब से उन्हें पोस्टिंग नहीं दी गई है।
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पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के करीबी माने जाने वाले राव को लेकर एक गोपनीय रिपोर्ट में कहा गया है, ‘राव ने एक विदेशी डिफेंस फर्म को खुफिया प्रोटोकॉल और पुलिस की प्रक्रियाओं की जानकारी दी. यह राष्ट्रीय स्तर की स्थिति के लिए सीधा खतरा है. खुफिया प्रोटोकॉल पूरे भारतीय पुलिस बल में मानक हैं।
आरटी इन्फ्लैटेबल्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ मिलीभगत
गोपनीय रिपोर्ट में कहा गया है कि जांच में सामने आये तथ्यों के आधार पर, प्रथम दृष्टया भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के गंभीर सबूत पाए गए हैं, जो कि आरोपी अधिकारी द्वारा जानबूझकर किए गए थे। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि राव अकसम एडवांस्ड सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ रहे चेतन साई कृष्णा को महत्वपूर्ण खुफिया जानकारी और निगरानी अनुबंध देने के लिए इजरायली रक्षा उपकरण निर्माता आरटी इन्फ्लैटेबल्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ मिलीभगत की।
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कृष्णा राव के बेटे हैं. रिपोर्ट में आगे कहा गया कि यह आरोपी अधिकारी और विदेशी डिफेंस फर्म के बीच एक सीधा संबंध साबित करता है और यह नैतिक आचार संहिता और अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम, 1968 के नियम (3) (ए) का प्रत्यक्ष उल्लंघन है।







