डेली संवाद, चंडीगढ़
पंजाब में शिक्षा प्रणाली को वैश्विक स्तर के बनाने का प्रण दोहराते हुये पंजाब के शिक्षा मंत्री श्री विजय इंदर सिंगला ने हिदायत की है कि अध्यापकों से डाक का काम न करवाया जाये, बल्कि यह काम क्लर्कों या नॉन टीचिंग स्टाफ से लिया जाये।
यहाँ जारी बयान में श्री सिंगला ने बताया कि सरकार के ध्यान में आया है कि कई स्कूलों में क्लर्क होने के बावजूद डाक का काम कंप्यूटर अध्यापकों या अन्य अध्यापकों से करवाया जा रहा है।
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इस सम्बन्ध में पहले भी स्कूल मुखियों को हिदायत की गई थी कि जहाँ तक संभव हो सके डाक का सारा काम स्कूलों में तैनात क्लर्कों से ही लिया जाये। अगर किसी स्कूल में क्लर्क नहीं है तो यह काम नॉन -टीचिंग स्टाफ से करवाया जा सकता है परन्तु अध्यापकों को डाक का काम किसी भी सूरत में न दिया जाये।
मिशन शत-प्रतिशत के लिए प्रेरित किया जाये
श्री सिंगला ने स्कूल मुखियों को यह भी हिदायत की है कि डाक का काम नॉन -टीचिंग स्टाफ से लेने के लिए स्कूल स्तर पर प्रबंध किया जाये। अध्यापकों को सिफऱ् बच्चों की पढ़ाई की तरफ ध्यान देने और मिशन शत-प्रतिशत के लिए प्रेरित किया जाये।
इसी तरह मिड -डे मील सम्बन्धी डाटा उसी दिन एप पर डालना जरूरी करने सम्बन्धी हिदायत करते हुये शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य के समूह स्कूलों में हर रोज़ बनाऐ जाने वाले मिड-डे मील सम्बन्धी डाटा रोज़मर्रा की मोबाइल एप पर फीड करना यकीनी बनाया जाये।
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उन्होंने कहा कि कुछ स्कूल मिड -डे मील सम्बन्धी एस.एम.एस. /डाटा अगले दिन एप पर अपलोड किया जाता है जिससे खाना -खाने वाले विद्यार्थियों की उस दिन की संख्या का पता लगाना मुश्किल हो जाता है और यह डाटा केंद्रीय मानवीय संसाधन विकास मंत्रालय के पोर्टल पर अपलोड करने में देर होती है।