नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में प्रदर्शन करने वालों से सड़क खुलवाने के मुद्दे पर शनिवार को सुप्रीम कोर्ट की वार्ताकार साधना रामचंद्रन ने चौथे दिन बातचीत की. प्रदर्शनकारियों ने वार्ताकार साधना रामचंद्रन के सामने कई मांगें रखीं. हालांकि ये बातचीत बेनतीजा रही।
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इससे पहले, तीन दौर की वार्ता में भी कोई नतीजा निकल कर सामने नहीं आया. तीन दिन की बातचीत बेनतीजा निकलने के बाद चौथे दिन यानी आज वार्ताकार साधना रामचंद्रन शाहीन बाग में पहुंचीं और प्रदर्शनकारी महिलाओं से बातचीत की।
हमें लिखित में सुरक्षा का आश्वासन दो
साधना रामचंद्रन ने प्रदर्शनकारियों से कहा कि कल (शुक्रवार को) हमने सड़क के बारे बात की थी. कल हमने आधी रोड की बात की, आपने सुरक्षा की बात की. मैंने ये नहीं कहा कि शाहीन बाग से चले जाएं. वहीं प्रदर्शनकारियों ने कहा कि अगर हमें लिखित में सुरक्षा का आश्वासन नहीं मिलता तो बात खत्म. इस रामचंद्रन ने कहा कि क्या आप चाहते हैं, हम खुश होंगे? शाहीन बाग में एक खूबसूरत जगह खोजें, एक खूबसूरत बाग बने और वहां प्रोटेस्ट हो।
महिलाओं ने साफ मना कर दिया
शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों से बातचीत करते हुए साधना रामचंद्रन ने कहा कि उन्होंने कभी भी प्रोटेस्ट करने वालों को कभी पार्क जाने के लिए नहीं कहा.उन्होंने कहा कि गलतफहमी तोड़ती है. बातचीत के दौरान प्रदर्शनकारी महिलाओं से वार्ताकार साधना रामचंद्रन के सामने कुछ मांगें रखीं।
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प्रदर्शनकारियों की मांग
- -प्रदर्शनकारी सुरक्षा चाहते हैं और वे चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट भी इस पर एक आदेश जारी करे.
- -प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि शाहीन बाग और जामिया के लोगों के खिलाफ मुकदमे वापस लिए जाएं.
- -शाहीन बाग में एक दादी ने कहा कि जब CAA वापस लेंगे तो रोड खाली होगा नहीं तो नहीं होगा.
- -एक दूसरी महिला ने कहा कि अगर आधी सड़क खुलती है तो सुरक्षा और अलुमिनियम शीट चाहिए.
- -प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा की पुलिस नहीं बल्कि सुप्रीम कोर्ट जिम्मेदारी ले.
- -स्मृति ईरानी ने हम (प्रदर्शनकारी महिलाएं) पर टिप्पणी की कि ‘शाहीन बाग की महिलाएं बातचीत के लायक नहीं हैं’
- -जिन लोगों ने शाहीन बाग के खिलाफ गलत बोला है उनके खिलाफ कार्यवाही हो.