डेली संवाद, चंडीगढ़
कोविड-19 के प्रति लोग पूर्ण जागरूकता व स्व-ज़िम्मेदारी दिखला रहे हैं तथा इसके साथ ही इस क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियां पुनः प्रारंभ हो रही हैं। इसे प्रधान मंत्री द्वारा सोमवार को राज्यों के मुख्य मंत्रियों के साथ की गई बातचीत की रोशनी में देखा जा सकता है कि हमें जहां अर्थव्यवस्था को महत्त्व देना चाहिए, वहीं हमें कोविड-19 के साथ जंग भी जारी रखनी चाहिए। सरकार ने ग़ैर-कंटेनमेन्ट क्षेत्रों में चयनित गतिविधियों हेतु 20 अप्रैल, 2020 से कई प्रकार की ढील दी है।
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लॉकडाऊन के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं क्योंकि देश विगत डेढ़ माह के दौरान हज़ारों मानवीय ज़िन्दगियां बचाने में सफ़ल रहा है। मार्च माह के प्रारंभ में भारत सहित बहुत सारे देशों में परिस्थितियां लगभग एक जैसी थीं। परन्तु समय पर की गईं कार्यवाहियों के कारण भारत बहुत से लोगों को सुरक्षित रख पाया है। लोगों में लॉकडाऊन की स्थिति के दौरान ज़िम्मेदारी की भावना निम्नलिखित से स्पष्ट देखी जा सकती है।
हिमाचल पुलिस लाहौल-स्पिति में लोगों को कर रही है जागरुक
पंचकूला के मोहम्मद इरफ़ान बताते हैं कि हम अपने घरों में ही नमाज़ पढ़ रहे हैं क्योंकि इकट्ठे होने की अनुमति नहीं है। लॉकडाऊन संबंधी उपायों का समर्थन करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि कोविड-19 के कारण उत्पन्न परिस्थितियों में सरकार के दिशा-निर्देशों का अनुपालन करना ही सभी के स्वास्थ्य हेतु महत्त्पपूर्ण है।
हरियाणा के पलवल ज़िले के आंगनवाड़ी वर्कर शशिबाला अपने ढंग से कोरोना-योद्धा भी हैं। उन्होंने बताया कि वह अपनी दिनचर्या के क्रिया-कलापों के पश्चात् वह स्वयं व आंगनवाड़ी वर्करों का एक समूह मास्क तैयार करके लोगों में इन्हें निःशुल्क बांटते हैं।
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हिमाचल प्रदेश के लाहौल व स्पिति ज़िले के पुलिस कर्मचारी उन लोगों में से नहीं हैं, जो सब कुछ भाग्य के सहारे छोड़ देते हैं, इसी लिए उन्हें ग्रामीण महिलाओं को कोविड-19 की सावधानियों संबंधी जागरूक करते हुए देखा जा सकता है। सरकारी एजेन्सियां भी कहीं कोई ढील नहीं बरत रहीं, वे सेवाएं प्रदान करते समय यह अवश्य सुनिश्चित करती हैं कि भीड़ एकत्र न हो।
कैप्टन ने जब महिला अफसर को किया फोन, तो …
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