पंजाब में 31 मार्च के बाद शराब के ठेकों की समय सीमा में वृद्धि नहीं, पढ़ें मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह का फैसला

Daily Samvad
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डेली संवाद, चंडीगढ़
शराब के ठेकों की समय सीमा में 31 मार्च, 2020 के बाद विस्तार किए जाने को रद्द करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने एलान किया कि वित्त विभाग की सिफारिशों के अनुरूप चलते हुए राज्य सरकार लॉकडाउन के 23 मार्च से 6 मई, 2020 तक के समय के दौरान पड़े घाटे के लिए लाइसेंसधारकों के लिए व्यवस्था मुहैया करवाएगी।

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मुख्यमंत्री ने बरिष्ठ अधिकारियों की तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है, जो कोविड-19 के दौरान ठेके बंद रहने के कारण हुए घाटे का पता लगाएगी। इस कमेटी में प्रमुख सचिव वित्त अनिरूद्ध तिवाड़ी, प्रमुख सचिव ऊर्जा ए. वेनू प्रसाद और आबकारी एवं कर कमिश्नर विवेक प्रताप सिंह शामिल हैं। मंत्री मंडल ने सोमवार को महामारी और कफ्र्य़ू / लॉकडाउन के संदर्भ में राज्य की आबकारी नीति में उचित तबदीलियाँ करने की मंज़ूरी देने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया था।

वित्त विभाग की सलाह

एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने वित्त विभाग की सलाह के अनुसार आबकारी विभाग की सिफारिशों को स्वीकृत कर लिया है, जिससे शराब के ठेकों की समय सीमा 31 मार्च, 2021 तक बरकरार रखी जा सके। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने मार्च में लॉकडाउन के दौरान 9 दिनों के समय में पड़े घाटे के लिए एम.जी.क्यू. के अनुपात पर आधारित व्यवस्था मुहैया करवाने के लिए वित्त विभाग की सिफारिशें को भी मंज़ूरी दे दी है।

इसी तरह वित्त विभाग की सिफारिशों के मुताबिक एक अप्रैल से 6 मई, 2020 के घाटे की समय सीमा के लिए राजस्व, लाइसेंस फीस और एम.जी.आर., दोनों को आबकारी विभाग द्वारा अनुरूप व्यवस्था / फिर निर्धारित किया जा सकता है। यह बताने योग्य है कि साल 2019-2020 के लाइसेंसधारी 31 मार्च, 2020 तक अपना साल मुकम्मल नहीं कर सके क्योंकि 23 मार्च, 2020 को कफ्र्य़ू और लॉकडाउन के लागू हो जाने के कारण 9 दिन ठेके बंद रहे। इस तरह साल 2020-21 के लिए शराब के ठेके जो आबकारी नीति के मुताबिक एक अप्रैल, 2020 को खुलने थे, खोले नहीं जा सके।

मंत्री समूह का गठन किया

मुख्यमंत्री ने वित्त विभाग के प्रस्ताव पर विचार करने के लिए मंत्री समूह का गठन किया है, जिसमें भविष्य में लॉकडाउन बढ़ाने (साल 2020-21 के दौरान मुकम्मल या कुछ हद तक) की सूरत में किसी किस्म की व्यवस्था करने या लाइसेंसधारकों को किसी किस्म की अन्य शिकायत या समस्या को विचारना शामिल है।

मंत्री समूह वित्त मंत्री, शिक्षा मंत्री और आवास एवं शहरी विकास मंत्री पर अधारित होगा, जिसको मुख्यमंत्री द्वारा शराब की बिक्री पर विशेष कोविड सैस लगाने का मुद्दा विचारने के लिए भी कहा है, जैसे कि कई राज्यों ने लॉकडाउन के लम्बे समय तक चलने के कारण सैस लगाने का फ़ैसला पहले ही किया हुआ है।

सामाजिक दूरी को बहाल रखा जा सके

शराब की घरों तक सप्लाई के मुद्दे पर कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा फ़ैसला किया गया कि आबकारी नीति में पहले ही मौजूद उपबंध लागू रहेंगे, परन्तु इस सम्बन्धी सुप्रीम कोर्ट द्वारा अभिव्यक्त की गई राय का हवाला देते हुए इन विकल्पों के फ़ैसले को लइसेंसधारकों पर छोड़ दिया गया है। बताने योग्य है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा लोक हित पटीशन सम्बन्धी 8 मई, 2020 को सुनाए गए फ़ैसले में शराब की होम डिलीवरी / अप्रत्यक्ष बिक्री संबंधी सुझाव दिया गया था, जिससे लॉकडाउन के दौरान सामाजिक दूरी को बहाल रखा जा सके।

इस पहलू को विचारते हुए कि लॉकडाउन के नतीजन आबकारी विभाग द्वारा साल 2020-21 के लिए ठेके की मुकम्मल अलॉटमैंट नहीं की जा सकी, मुख्यमंत्री द्वारा विभाग को राज्य की 2020-21 की आबकारी नीति के अनुसार बाकी बचते ठेकों की नीलामी करने और अगली कार्यवाही के लिए निर्देश दिए गए हैं। कुल 756 ग्रुपों में से 500 को 2019-20 की नीति के अनुसार नवीनीकृत किया गया था, जबकि बाकी बचते 256 ग्रुपों को 186 ग्रुपों को पुर्नगठित कर दिया गया था और इनमें से 89 ग्रुपों की अलॉटमैंट 2020-21 की नीति के अनुसार कर दी गई थी। बाकी बचते 97 ग्रुपों की अलॉटमैंट की जानी अभी बाकी है।

लॉकडाउन को अमल में लाया गया

यह बताने योग्य है कि पंजाब की साल 2020-21 के लिए आबकारी नीति को मंत्री मंडल द्वारा 31 जनवरी, 2020 को मंज़ूरी दे दी गई थी, जिसके उपरांत विभाग द्वारा इस नीति को लागू करने के लिए बड़े पैमाने पर कदम उठाए गए। परन्तु कोविड-19 की महामारी और इसके मद्देनजऱ लागूू किए गए लॉकडाउन / कफ्र्य़ू के कारण इस नीति पर अमल रुक गया था। पंजाब सरकार द्वारा लॉकडाउन 23 मार्च, 2020 को पहले ही लागू कर दिया गया था, जिसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा 24 मार्च, 2020 को संकट प्रबंधन एक्ट, 2005 और सी.आर.पी.सी की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत लॉकडाउन को अमल में लाया गया।

लॉकडाउन लागू होने के उपरांत पंजाब सरकार द्वारा बार-बार केंद्र सरकार से अपील की गई कि वह राज्य के कर एवं आबकारी विभाग को शराब के ठेके खोलने के लिए आज्ञा दें, क्योंकि इस स्वरूप राज्य को आबकारी से होने वाली आमदन का नुकसान हो रहा था। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा 1 मई, 2020 को जारी किए गए अपने पत्र में जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार 4 मई, 2020 से ठेके खोलने सम्बन्धी आज्ञा दी गई।

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मुख्यमंत्री को सभी अधिकार दे दिए गए

केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी इन दिशा-निर्देशों के बाद विभाग द्वारा 2020-21 की राज्य की आबकारी नीति को ध्यान में रखते हुए इन दिशा-निर्देशों को लागू करने सम्बन्धी समीक्षा की गई। विभाग द्वारा मंत्री मंडल के विचार अधीन लाने के लिए मैमोरेंडम तैयार किया गया, जिसको सलाह लेने के लिए वित्त विभाग को भेजा गया, जो 11 मई, 2020 को प्राप्त हुआ है। यह मुद्दा बाद में 11 मई, 2020 को मंत्री मंडल द्वारा विचारा गया और इस सम्बन्धी कोविड-19 महामारी और इसके नतीजन लागू हुए कफ्र्य़ू / लॉकडाउन के कारण पैदा हुए हालातों को ध्यान में रखते हुए आबकारी नीति में ज़रूरी तबदीलियों के लिए मुख्यमंत्री को सभी अधिकार दे दिए गए थे।

कोरोना मरीजों का अनशन, देखें

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