लखनऊ। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी द्वारा 1000 बसों की सूची भेजने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्हें फिर से एक नया पत्र भेजा है. पत्र में कहा गया है कि प्रियंका गांधी लखनऊ के कलेक्टर को बसों का फिटनेस सर्टिफिकेट, ड्राइवरों का लाइसेंस और कंडक्टर्स का विवरण सुबह 10 बजे से पहले भेज दें. इधर, उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी द्वारा देर रात भेजे गए पत्र का प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह ने जवाब दिया है।
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प्रियंका के निजी सचिव ने भेजी चिट्ठी
प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह ने यूपी सरकार के पत्र के जवाब में कहा है कि कांग्रेस महासचिव ने गाजियाबाद और गाजीपुर बॉर्डर से 500 बसें और नोएडा से 500 बसें चलाकर दिल्ली-एनसीआर में फंसे प्रवासी मजदूरों घर लाने के लिए यूपी सरकार से अनुमति मांगी थी. इस संबंध में हमसे बसों और चालकों के विवरण मांगे गए, जिसे ईमेल द्वारा भेज दिया गया है।
आश्चर्य की बात यह है कि मुख्यमंत्री ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा कि वे पिछले 3 दिन से हमसे बसों की सूची मांग रहे थे. फिर देर रात 11.40 बजे ईमेल के द्वारा यूपी सरकार का एक पत्र प्राप्त हुआ, जिसमें 1000 बसों से जुड़े तमाम दस्तावेज लखनऊ में सुबह 10 बजे हैंडओवर करने की बात कही गई है।
यह है मामला
दरअसल, कोरोना वायरस की वजह से देशभर में लॉकडाउन है. इस कारण उत्तर प्रदेश के लाखों प्रवासी कामगार दूसरे राज्य में फंसे हुए हैं. ऐसे में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी ने योगी आदित्यनाथ सरकार के सामने अन्य राज्यों में फंसे प्रवासी कामगारों एवं श्रमिकों को लाने के लिए 1000 बसें चलाने का प्रस्ताव रखा था, जिसे सरकार ने स्वीकार कर लिया. उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी को पत्र लिखकर उनसे 1000 बसों और ड्राइवरों का विवरण मांगा था।
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प्रवासी श्रमिकों के लिए सीएम ने दिया ये आदेश
इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने सरकारी आवास पर एक उच्चस्तरीय बैठक में लॉकडाउन की समीक्षा के दौरान कहा था कि उत्तर प्रदेश की सीमा में प्रवेश करते ही प्रवासी कामगारों एवं श्रमिकों को भोजन व पानी उपलब्ध कराया जाए. इसके बाद उनकी स्क्रीनिंग करते हुए उन्हें सुरक्षित व सम्मानजनक ढंग से उनके गंतव्य तक पहुंचाया जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्र के साथ-साथ टोल प्लाजा, एक्सप्रेस-वे तथा प्रमुख चौराहों पर प्रवासी कामगारों एवं श्रमिकों के लिए भोजन एवं पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।