डेली संवाद, चंडीगढ़
भारतीय जनता पार्टी पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने कैप्टन सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि कोरोना महामारी के इस संकट काल में भी कांग्रेस के नेता, विधायक और अफसर भ्र्ष्टाचार में लिप्त रहे तथा पंजाब को माफ़िया राज़ के हवाले कर दिया। पंजाब के चीफ सैकटरी तथा मंत्रियों का विवाद पंजाब में पनप रहे शराब माफिया का ही परिणाम था।
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उन्होंने कहा कि भले ही इस विवाद को निपटाने का दावा किया जा रहा हो पर इसने साबित कर दिया कि मंत्री व अधिकारी ही पंजाब के ख़ज़ाने को करोड़ों की चपत लगा रहे हैँ। आपस में समझोता करने से गम्भीर आरोपों की आँच कम नहीं होगी। शर्मा ने कहाकि इस प्रकरण से साफ़ जाहिर होता है कि प्रदेश की सत्ता चलाने में कांग्रेस बुरी तरह असफल साबित हुई है और शराब माफिया के दबाव में काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि पिछले दो महीने में पंजाब में जिस तरह से माइनिंग घोटाला, पीपीई किट घोटाला तथा बीज घोटाला हुआ है, वह दर्शाता है की सरकार का ध्यान कोरोना के खिलाफ लड़ाई की बजाये सिर्फ जनता के पैसे की लूट में था।
पंजाब सरकार की नाकाम
अश्विनी शर्मा ने पंजाब सरकार की नाकामियों को गिनाते हुए कहा कि केंद्र से आये हुए अनाज को जरूरतमंदों तक पहुँचाने में पंजाब सरकार फेल हुई। राशन में हुई बन्दर बाँट तथा गरीब को किसी भी प्रकार की राहत न देने का ही परिणाम है कि लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर पंजाब को छोड़ के वापिस अपने स्थानों पर चले गए हैं, अभी भी जा रहे हैं।
पंजाब की अर्थव्यवस्था की रीढ़ इन मजदूरों को आश्वस्त करने की बजाए कांग्रेस के नेता उन्हें जाने के लिए उकसाते रहे। कांग्रेस की इस नालायकी की कीमत पंजाब के उद्योगों और कृषि को आने वाले महीनो में चुकानी पड़ेगी। अश्वनी शर्मा ने पंजाब सरकार पर हर फ्रंट पर फेल होने का आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा नैशनल हैल्थ मिशन तथा डिजास्टर मैनेजमेंट फण्ड क़े तहत पर्याप्त फण्ड देने क़े बावजूद पंजाब में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं।
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पंजाब सरकार से यह पैकज की मांग
- घरेलू, व्यापारिक अदारे ( दुकानें आदि ) तथा उद्योगों के तीन महीने के बिजली के बिल में 50 फीसदी कटौती की जाए।
- उत्तर प्रदेश तथा कर्नाटक सरकार की तर्ज पर टेम्पू चालक, रिक्शा चालाक तथा रेहड़ी – फड़ी लगाने वालों के अकाउंट में पंजाब सरकार 5000 रूपए डाले ताकि वह अपने परिवार का पेट पाल सकें।
- नाई, धोबी, बुनकर तथा कंस्ट्रक्शन मजदूरों के खाते में भी 5000 रूपए की एकमुश्त राशि दी जाये।
- किसानों को अगली फसल के लिए अच्छी गुणवत्ता के बीज कृषि विज्ञानं केंद्रों के माध्यम से मुफत में उपलबध करवाए जाएं।
- कर्नाटक तथा अन्य सरकारों की तर्ज पर सब्जी, फल एवं फूल उगाने वाले किसानों को कम कीमत मिलने पर हुए नुक्सान की भरपाई के लिए पंजाब सरकार उचित मुआवज़ा दे। इसके साथ ही बारिश के कारण जिन किसानों की फसल का नुक़सान हुआ था उन्हें तुरंत उचित मुआवजा दे।
- सभी प्राइवेट स्कूलों को निर्देश दिए जाएं की वह न्यायलय के आदेश के अनुसार ही फीस वसूल करें।
- उद्योगों में काम करने वाले मजदूरों को विशेषकर प्रवासी मजदूरों को तुरंत राशन एवं दवाईयां उपलब्ध करवाई जाएं ताकि पलायन रुक सके
- हरियाणा की तर्ज पर निगमों, परिषदों, पंचायतों तथा इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट की दुकानों का तीन महीने का किराया तुरंत माफ़ किया जाए।