डेली संवाद, चंडीगढ़
शिरोमणी अकाली दल राज्य 18 जून को राज्य भर के डिप्टी कमिशनरों को मेमोरेंडम सौंपकर शराब, बीज तथा राशन घोटालों के लिए जिम्मेदार कांग्रेसियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग करेगा तथा इसके अलावा लॉकडाउन के दौरान घरेलू तथा औद्योगिक उपभोक्ताओं के बिजली के बिल माफ करने, किसानों को तत्काल गन्ना का बकाया जारी करने, बढ़े हुए श्रम शुल्क के बदले किसानों को सीधा मुआवजा देने तथा कांग्रेसियों के कहने पर हटाए गए नीले कार्डों को बहाल करने की मांग की जाएगी।
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पार्टी प्रवक्ता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि यह निर्णय पार्टी अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल द्वारा पार्टी नेताओं के साथ विचार विमर्श के बाद लिया गया है। डॉ. चीमा ने कहा कि लोगों में इस बात को लेकर रोष बढ़ रहा है कि 5600 करोड़ रूपए के शराब घोटाले के सरगना पर मुकदमा नही चलाया जा रहा है। इनमें मुख्यमंत्री के धार्मिक सलाहकार के परिवार के साथ तथा चीनी मिल कंपाउंड से तथा कांग्रेसी नेता मदन लाल जलालपुर तथा हरदयाल सिंह कंबोज जोकि अपने सहयोगियों के साथ अवैध शराब का कारखाना चला रहे थे।
4000 करोड़ के बीज घोटाले
उन्होंने कहा कि सरकार 4000 करोड़ के बीज घोटाले में छोटे अपराधियों के पीछे लगकर मामले को रफा दफा करने का प्रयास कर रही है। जबकि असली सरगना सरेआम खुले घूम रहा है। इसमें कहा गया है कि बीज घोटाले में सहकारिता मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा की भूमिका की जांच होनी चाहिए लेकिन यह तभी संभव होगा जब सीबीआई यां उच्च न्यायालय के किसी वर्तमान न्यायाधीश से इस मामले की स्वतंत्र जांच करवाई जाए।
डॉ. चीमा ने कहा कि इस बात की जांच की भी आवश्यकता है कि केंद्रीय खाद्यान्न राहत का एक बड़ा हिस्सा कैसे कांग्रेसियों के पास गया तथा यह किसी भी लाभार्थी तक नही पहुंचा। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्य को इन घोटालों के कारण हजारों करोड़ रूपए का नुकसान हुआ है, वहीं सरकार ने शराब ठेकेदारों को 673 करोड़ रूपए शराब तथा 150 करोड़ रूपए की रेत माफिया को राहत दी थी।
अकाली दल निजी चीनी मिलों द्वारा गन्ना उत्पादकों के 383 करोड़ रूपए का भुगतान न किए जाने का भी विरोध करेंगे। इसमें कहा गया है कि मुख्यंमत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एग्रीकल्चर पोर्टफोलियों का आयोजन किया था तथा उन्हे यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बकाया का किसानों को भुगतान जल्द से जल्द किया जाना चाहिए।
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नीले कार्डों को बहाल करने की भी मांग
डॉ. चीमा ने कहा कि पार्टी नीले कार्डों को बहाल करने की भी मांग करेगी जिसे कांग्रेसी नेताओं के हस्तक्षेप के बाद गलत तरीके से वापिस ले लिया गया था। उन्होने कहा कि अकाली दल पहले ही जिनके नाम हटा दिए गए थे उन गरीबों के अधिकारों के लिए लड़ रही है तथा उन्होने इस मामले को अदालत में भी उठाया था। हमें उम्मीद है कि जल्द ही कांग्रेस सरकार को राज्य भर के निर्वाचन क्षेत्रों से हटाए गए नीले कार्डों को बहाल करने के लिए मजबूर किया जाएगा।
अकाली नेता ने कहा कि सरकार धान की बिजाई में उनके द्वारा खर्च की जाने वाली अतिरिक्त लागत के लिए 3000 करोड़ रूपए प्रति एकड़ मुआवजे की मांग करेगी, इसके अलावा राज्य सरकार लॉकडाउन अवधि के दौरान लगाए गए सभी बिजली,पानी तथा सीवरेज बिलों की जिम्मेदारी ले तथा आपदा प्रबंधन कोष से इसका भुगतान करे। उन्होने मंाग की है कि सरकार औद्योगिक क्षेत्र के लिए तय बिजली शुल्क दो महीने के लिए माफ करके अपने वादे को पूरा करे।








