नई दिल्ली। कोरोना महामारी के कारण देश में पैदा हुए हालात के मद्देनजर CBSE बोर्ड ने कक्षा 9 से 12 तक के सिलेबस में कटौती की है। कोर कॉन्सेप्ट को बनाए रखते हुए सिलेबस को करीब 30 प्रतिशत तक कम कर दिया गया है। इस कटौती के बाद अब धर्मनिरपेक्षता और राष्ट्रवाद जैसे कई अध्यायों को मौजूदा शैक्षणिक वर्ष के लिए पाठ्यक्रम से हटा दिया गया है।
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इसके लिए NCERT और CBSE बोर्ड की कमेटी ने करीब 1500 विशेषज्ञों की राय से पाठ्यक्रम में कटौती का खाका तैयार किया और उसके बाद कक्षा 9वीं से 12वीं के छात्रों के लिए यह फैसला लिया गया। वहीं, 8वीं तक की कक्षाओं के लिए CBSE ने स्कूलों को खुद सिलेबस तैयार करने को कहा है। मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा है कि, जिन टॉपिक्स को पाठ्यक्रम से हटाया गया है, उन्हें भी स्टूडेंट्स को पढ़ाया जाएगा ताकि उनके कॉन्सेप्ट्स क्लियर रहें।
कक्षा 11वीं के कोर्स में बड़ा बदलाव
बोर्ड की इस कटौती का असर 11वीं कक्षा में पढ़ाए जाने जाने वाले संघीय ढांचा, राज्य सरकार, नागरिकता, राष्ट्रवाद और धर्मनिरपेक्षता जैसे अध्याय पर दिखेगा। CBSE ने इन सभी अध्यायों को मौजूदा एक वर्ष के लिए सिलेबस से हटा दिया है। 11वीं के अंग्रेजी के स्टूडेंट्स के पाठ्यक्रम में से ”लेटर टू एडिटर, और नौकरी के लिए रिज्यूम के साथ अप्लाई करें,” जैसे टॉपिक्स को हटा दिया गया है।
कोरोना महामारी के कारण देश में पैदा हुए हालात के मद्देनजर CBSE बोर्ड ने मंगलवार को कक्षा 9 से 12 तक के सिलेबस में कटौती की है। कोर कॉन्सेप्ट को बनाए रखते हुए सिलेबस को करीब 30 प्रतिशत तक कम कर दिया गया है। इस कटौती के बाद अब धर्मनिरपेक्षता और राष्ट्रवाद जैसे कई अध्यायों को मौजूदा शैक्षणिक वर्ष के लिए पाठ्यक्रम से हटा दिया गया है।
1500 विशेषज्ञों की राय से पाठ्यक्रम में कटौती
इसके लिए NCERT और CBSE बोर्ड की कमेटी ने करीब 1500 विशेषज्ञों की राय से पाठ्यक्रम में कटौती का खाका तैयार किया और उसके बाद कक्षा 9वीं से 12वीं के छात्रों के लिए यह फैसला लिया गया। वहीं, 8वीं तक की कक्षाओं के लिए CBSE ने स्कूलों को खुद सिलेबस तैयार करने को कहा है।
मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा है कि, जिन टॉपिक्स को पाठ्यक्रम से हटाया गया है, उन्हें भी स्टूडेंट्स को पढ़ाया जाएगा ताकि उनके कॉन्सेप्ट्स क्लियर रहें।
कक्षा 11वीं के कोर्स में बड़ा बदलाव
बोर्ड की इस कटौती का असर 11वीं कक्षा में पढ़ाए जाने जाने वाले संघीय ढांचा, राज्य सरकार, नागरिकता, राष्ट्रवाद और धर्मनिरपेक्षता जैसे अध्याय पर दिखेगा। CBSE ने इन सभी अध्यायों को मौजूदा एक वर्ष के लिए सिलेबस से हटा दिया है। 11वीं के अंग्रेजी के स्टूडेंट्स के पाठ्यक्रम में से ”लेटर टू एडिटर, और नौकरी के लिए रिज्यूम के साथ अप्लाई करें,” जैसे टॉपिक्स को हटा दिया गया है।
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कक्षा 10वीं से लोकतंत्र से जुड़े चैप्टर्स हटाए गए
कक्षा 10 के छात्रों के लिए, ”समकालीन भारत में वनों और वन्य जीवन पर सामाजिक विज्ञान के चैप्टर को हटा दिया गया है, साथ ही लोकतंत्र और विविधता पर अध्याय, लिंग, धर्म और जाति, लोकप्रिय संघर्ष और आंदोलन, और लोकतंत्र के लिए चुनौतियां, आदि” चैप्टर्स को भी पाठ्यक्रम में से हटा दिया गया है।
इस क्लास विज्ञान के पाठ्यक्रम से ”मानव आंख के अध्याय को, विकास की बुनियादी अवधारणाओं के साथ हटा दिया गया है”। इसके अलावा कई प्रेक्टिकल एक्सपेरिमेंट्स को भी इस वजह से हटा दिया गया है क्योंकि स्टूडेंट्स को इस शैक्षणिक वर्ष में लैब में अधिक वक्त नहीं मिल पाएगा।








