डेली संवाद, चंडीगढ़
पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार द्वारा अल्पसंख्यकों में असुरक्षा संबंधी दिए बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि अगर ऐसा है तो अल्पसंख्यकों खासकर सिखों का प्रतिनिधित्व करने वाली राजनीतिक पार्टी होने का दावा करने वाला अकाली दल कैसे अल्पसंख्यकों के हितों को क्षति पहुंचाने वाली मोदी सरकार में सत्ता का आनंद भोग रहा है।
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जाखड़ ने कहा कि जत्थेदार को चाहिए कि वे शिरोमणि अकाली दल को निर्देश दें के अल्पसंख्यकों के लिए असुरक्षित माहौल पैदा कर रही केंद्र सरकार से अकाली दल अपनी राजनीतिक दोस्ती तोडे। जाखड़ ने कहा कि बेशक कांग्रेस पार्टी जत्थेदार द्वारा अल्पसंख्यकों संबंधी प्रगट की चिंता का सम्मान करती है पर फिर भी उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसे संवेदनशील विषय पर बोलते समय इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि कहीं वे देश विरोधियों के प्रवक्ता बनकर न रह जाएं।
पंथ के दुश्मनों के खिलाफ कार्रवाई करें
उन्होंने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार को सूचेत किया कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई व अमेरिका में बैठे पन्नू जैसे अलगाववादियों के एजेंडे से सावधान रहें। उन्होंने अपील की कि जत्थेदार विदेश में बैठे अलगाववादियों से सूचैत रहते हुए पंजाब में ही बैठे पंथ के दुश्मनों के खिलाफ कार्रवाई करें।
पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार से आग्रह किया कि वे पंथ विरोधियों से राबता रखने का भेद प्रगट होने के बाद शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को श्री अकाल तख्त साहिब पर तलब करें। उन्होंने कहा के डेरे द्वारा सार्वजनिक तौर पर शिरोमणि अकाली दल से अपने संबंध मान लेने के बाद अब स्पष्ट हो गया है कि सुखबीर सिंह बादल ने अपने राजनीतिक हितों के लिए श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा रोके जाने के बावजूद डेरा मुखी से दोस्ती रखी।
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बहबल कलां गोलीकांड की निष्पक्ष जांच नहीं
उन्होंने कहा कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटनाओं व बहबल कलां गोलीकांड जैसे दुखदाई घटनाओं की निष्पक्ष जांच नहीं की बल्कि सच पर पर्दा डालकर पंथ विरोधी कार्यवाही की। उन्होंने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार से आग्रह किया कि वे ऐसी पंथ विरोधी कार्रवाइयों के लिए श्री सुखबीर सिंह बादल को श्री अकाल तख्त साहिब पर तलब करें व उनके द्वारा वोट के बदले डेरा मुखी को माफी दिलवाने जैसे बड़े गुनाह के लिए उन्हें तनखाह लगाई जाए।