डेली संवाद, जालंधर
इंप्रूवमेंट ट्रस्ट जालंधर के कर्मचारी ने अपनी पत्नी के नाम पर LDP कोटे वाले प्लाट की रजिस्ट्री करवा ली। आरोप है कि इस रजिस्ट्री से इंप्रूवमेंट ट्रस्ट और राजस्व विभाग को करीब 14.35 लाख रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ है। इसकी जांच स्थानीय निकाय विभाग के डिप्टी डायरेक्टर कर रहे हैं।
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जानकारी के मुताबिक एलडीपी कोटे के इस प्लाट की रजिस्ट्री खुद इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के सीनियर सहायक संजीव कालिया ने अपनी पत्नी उपमा कालिया के नाम करवा लिया। इस संबंध में जालंधर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के ईओ जतिंदर सिंह ने एक रिपोर्ट डिप्टी डायरेक्टर स्थानीय निकाय विभाग को भेजा है।
प्लाट के अदला-बदली का खेल
ईओ जतिंदर सिंह की रिपोर्ट के मुताबिक इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की विकास स्कीम 143.56 एकड़ में प्लांट नंबर 828 और विकास स्कीम 94.5 एकड़ में प्लाट नंबर 276 का उल्लेख है। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्लाट संख्या 828 के एक कनाल रकबे को विकास स्कीम 43 एकड़ में अलाट किए गए प्लाट नंबर 204 के बदले अलाट किया गया था। इस प्लाट को दविंदर पाल कौर के नाम ट्रांसफर कर दिया गया।
ईओ की रिपोर्ट के मुताबिक 4 फरवरी 2010 को इस प्लाट के बैनामे के लिए इंप्रूवमेंट ट्रस्ट दफ्तर में अप्लाई किया गया। इस प्लाट को लेकर सीनियर सहायक संजीव कालिया ने अपने स्तर पर पटवारी को एक पत्र भेजकर खसरा नंबर मांगा गया, जबकि संजीव कालिया उस वक्त इस स्कीम को नहीं देख रहे थे। उस वक्त संजीव कालिया ने चेयरमैन से सीधे तौर पर इस प्लाट की रजिस्ट्री करवा दी।
नान कंस्ट्रक्शन फीस 14,35,350 रुपए गबन
ईओ ने रिपोर्ट में कहा है कि रजिस्ट्री करवाते समय इस प्लाट का नान कंस्ट्रक्शन फीस 14,35,350 रुपए जमा करवाया जाना था, लेकिन उस वक्त यह रकम नहीं जमा करवाई गई और सीधे रजिस्ट्री करवा दी गई। विकास स्कीम 94.5 एकड़ के प्लाट संख्या 276 के संबंध में यह प्लाट एलडीपी कोटे में मोहन देवी पत्नी भगवान दास को विकास स्कीम 110 के रिजर्व कीमत पर अलाट किया गया था।
अलाटी ने इसका मुख्तारनाम आम दीपक पुत्र मोहनलाल को मुकर्रर किया है। इसके बाद बगैर किसी औपचारिकता के ही इस प्लाट की रजिस्ट्री करवा दी गई। इस प्लाट को संजीव कालिया ने खरीद लिया, रिकार्ड के मुताबिक यह प्लाट संजीव कालिया की पत्नी उपमा कालिया के नाम पर है। इस पूरे मामले में संजीव कालिया से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनका पक्ष हमें नहीं मिल सका। संजीव कालिया का पक्ष जैसे ही मिलता है, डेली संवाद डाट काम में उसे भी प्रकाशित किया जाएगा।
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पढ़ें इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के ईओ की रिपोर्ट










