स्थानीय निकाय ने जी +2, जी +3 और एस +4 स्तर पर अलग मंजिलों के लिए बिल्डिंग प्लान को अनुमति दी
डेली संवाद, चंडीगढ़
स्थानीय निकाय विभाग ने आज पंजाब म्युनिसिपल बिल्डिंग बायलॉज 2018 के तहत जी + 2, जी + 3 और एस + 4 अलग मंजिलों के लिए बिल्डिंग योजनाओं और इससे जुड़े संशोधनों को मंजूरी दे दी, जो अलग मंजिलों के लिए इजाजत प्रदान करते हैं। यह घोषणा करते हुए, स्थानीय निकाय मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा ने कहा कि इस आदेश के संबंध में सभी यूएलबी को निर्देश जारी किए गए हैं और उन्हें तुरंत इसे लागू करने के लिए कहा गया है।
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उन्होंने कहा कि इस निर्णय से राज्य के छोटे बिल्डरों को बड़ी राहत मिलेगी और इन बिल्डरों द्वारा भुगतान के जरिए विभाग विभिन्न शुल्कों के माध्यम से 60 करोड़ से अधिक प्राप्त करेगा। यह निश्चित रूप से राज्य की अर्थव्यवस्था के साथ-साथ छोटे बिल्डरों को भी बढ़ावा देगा, जो कोविड-19 के कारण बड़े वित्तीय संकट का सामना कर रहे हैं।
बिल्डिंग बायलॉज 2018 के अनुसार मंजूरी दी
मोहिंद्रा ने कहा कि इस मामले पर सरकार के स्तर पर विचार किया गया और यह पाया गया कि कुछ यूएलबी दिनांक 02.07.19 को पत्र के चलते जी + 3 और एस + 4 की बिल्डिंग योजनाओं को मंजूरी नहीं दे रहे थे। इस संबंध में अब यह स्पष्ट किया गया है कि जी + 3 और एस + 4 बिल्डिंग प्लान पर कोई प्रतिबंध नहीं है और उन्हें 31.12.2019 को अधिसूचित संशोधनों सहित समय-समय पर संशोधित पंजाब म्युनिसिपल बिल्डिंग बायलॉज 2018 के अनुसार मंजूरी दी जाएगी।
इसके अलावा, मोहिंद्रा ने जी + 2 के संबंध में स्पष्ट किया कि जी + 2 पर कभी कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया था, जहां तक जी + 3 और एस + 4 का संबंध है, इन्हें लेकर बिल्डिंग बायलॉज बहुत स्पष्ट हैं। मोहिंद्रा ने यह भी कहा कि इन सभी मंजूरियों में बिल्डिंग बायलॉज का कोई उल्लंघन नहीं होगा और परियोजना को पंजाब रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (रेरा) के साथ पंजीकृत होना चाहिए।
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बिल्डर को परियोजना के लिए चेंज ऑफ लैंड यूज और लाइसेंस प्राप्त करना होगा और अलग मंजिल के निर्माण से पहले लेआउट प्लान को सक्षम अथॉरिटी से मंजूर करवाना होगा। बाहरी विकास शुल्क, सीएलयू शुल्क और प्रसंस्करण शुल्क समान रूप से लागू होंगे और यूएलबी / सरकार को कोई वित्तीय नुकसान नहीं होना चाहिए।