पंजाब : तीन बड़े शहरों में कल से नाइट कर्फ्यू का ऐलान, मास्क डालने का उल्लंघन करने वालों को मौके पर ही एक घंटा मास्क पहन कर खड़ा होना पड़ेगा, पढ़ें पूरा फैसला

Daily Samvad
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डेली संवाद, चंडीगढ़
पंजाब में कोविड के बढ़ रहे मामलों पर चिंता ज़ाहिर करते हुये मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सबसे अधिक प्रभावित शहरों लुधियाना, जालंधर और पटियाला में शनिवार से रात 9 बजे से प्रात:काल 5 बजे तक रात का कर्फ्यू लगाने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने सभी बड़े शहरों को सरकारी और प्राईवेट अस्पतालों में बीमारी के इलाज के लिए एकीकृत प्रबंधन योजना तैयार करने के भी आदेश दिए। गुरूवार को 1050 केस और आने से राज्य में मामलों की संख्या 20,891 पर पहुँच गई है।

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मुख्यमंत्री ने लाजि़मी तौर पर मास्क डालने के अमल के लिए एक हफ़्ते के ट्रायल का भी ऐलान किया जिसके अंतर्गत मास्क डालने के नियमों का उल्लंघन करने वालों को मौके पर ही एक घंटा मास्क पहन कर खडऩा पड़ेगा। मुख्यमंत्री का मानना है कि उल्लंघन करने वालों यह एहसास करवाए जाने से इस सम्बन्धी उल्लंघन को रोकने में सफलता मिल सकती है जबकि यह संख्या अब 3.82 लाख को पार कर गई है।

सरकारी अस्पतालों में भी बेहतर इलाज उपलब्ध

फेसबुक पर लाइव साप्ताहिक प्रोग्राम ‘कैप्टन को सवाल ’ को इस बार एक दिन अगामी किया गया जिससे मुख्यमंत्री तरन तारन जिले में नकली शराब दुखांत के पीडि़तों को मिलने के लिए आज किये अपने दौरे संबंधी लोगों को अवगत करवा सकें। इस मौके पर कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने लोगों को अपने आप का जल्दी टैस्ट करवाने और उचित अस्पताल से इलाज शुरू करवाने की अपील की। उन्होंने लोगों को सीधे प्राईवेट अस्पतालों की तरफ भी न भागने की अपील की क्योंकि सरकारी अस्पतालों में भी बेहतर इलाज उपलब्ध है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में टेस्टिंग की उचित सुविधाएं मौजूद हैं और चार और टेस्टिंग लैबज़ सोमवार से कार्यशील हो जाएंगी। टेस्टिंग और इलाज के लिए देरी होने से कोविड की मौतों की संख्या बढऩे को मुख्य कारण बताते हुये मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में बीते दिन 26 व्यक्तियों की मौत हो गई जिससे मौतों की संख्या 517 (2.47 प्रतिशत) तक पहुँच गई है।

मुख्यमंत्री ने राज्य में कोविड के संक्रमण और पॉजिटिव मामलों के वृद्धि पर फिक्र ज़ाहिर किया जो पिछले एक सप्ताह में लिए सैंपलों में से 8.50 प्रतिशत ऐसे पाये गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब में कोविड का शिखर अगस्त के आखिर या सितम्बर की शुरुआत में आने की संभावना है जिस कारण रोजाना केस बढऩे की संख्या के शिखर का भी अनुमान नहीं लगाया जा सकता। हाल ही में बठिंडा, बरनाला, फिऱोज़पुर जैसे जिलों में भी केस बढऩे का हवाला देते हुये उन्होंने कहा कि इस स्थिति से मुँह नहीं फेरा जा सकता। उन्होंने लोगों को इस मुश्किल स्थिति में सशक्त होकर रहने और बीमारी का मज़बूती और दृढ़ता से सामना करने की अपील भी की।

जि़म्मेदार लोगों के विरुद्ध सख़्त कार्यवाही

एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने फरीदकोट के गुरू गोबिन्द सिंह मैडीकल कालेज में ग़ैर -कोविड मरीज़ डा. परविन्दर की मौत के मामले में उप-कुलपति को जांच करने के आदेश दिए क्योंकि जिन डाक्टरों ने फाइल का काम मुकम्मल होने और कोविड की रिपोर्ट आने तक उसका इलाज करने से इन्कार कर दिया जबकि वह साँस कठिन आने की तकलीफ़ से जूझ रहा था। मृतक की पत्नी डा. नीता पांडु जो अबोहर से हैं, के साथ गहरी हमदर्दी ज़ाहिर करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि इसको बर्दाश्त नहीं किया जा सकता और मरीज़ों का इलाज हर सूरत में होना चाहिए था। उन्होंने कहा कि जि़म्मेदार लोगों के विरुद्ध सख़्त कार्यवाही की जायेगी।

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उनकी तरफ से तरन तारन में पहले किये ऐलानों के विवरण भी सांझे किये गए जिनमें एक्स-ग्रेशिया सहायता में वृद्धि के अलावा मामले की उपयुक्त और तेज़ कानूनी प्रक्रिया के लिए विशेष पब्लिक प्रासीक्यूटर की नियुक्ति और बार -बार कानून तोडऩे वालों के खि़लाफ़ शिकंजा कसने के लिए आबकारी एक्ट में संशोधन के फ़ैसले शामिल हैं। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि दुखद घटना की मैजिस्ट्रेटी जांच तीन सप्ताहों में मुकम्मल होगी और इसमें मिलीभुगत वाले सभी के खि़लाफ़ कानूनी कार्यवाही होगी।




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