गाँव डेमरू खुर्द के सरकारी स्कूल और सड़क का नाम शहीद लखवीर सिंह के नाम पर रखने का ऐलान

Daily Samvad
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डेली संवाद, चंडीगढ़/डेमरू खुर्द
बीते दिनों चीन की सरहद पर देश के लिए ड्यूटी देने के दौरान शहीद हुए सिपाही लखवीर सिंह की अंतिम अरदास और श्रद्धाँजलि समागम आज उसके जद्दी गाँव डेमरू खुर्द में हुआ, जिसमें पंजाब सरकार द्वारा कैबिनेट मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढी ने शिरकत की। इस मौके पर लोकसभा हलका फऱीदकोट से मैंबर मोहम्मद सदीक, हलका विधायक दर्शन सिंह बराड़, डिप्टी कमिश्नर श्री सन्दीप हंस, बाघापुराना के उप मंडल मैजिस्ट्रेट श्रीमती स्वर्णजीत कौर और बड़ी संख्या में स्थानीय लोग उपस्थित थे।

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श्रद्धांजलि समागम को संबोधित करते हुए राणा गुरमीत सिंह सोढी ने कहा कि शहीद ने अपने माँ-बाप और इलाके का नाम देश के इतिहास में सुनहरी अक्षरों में लिखवा दिया है। उसके इस बलिदान को देश निवासी कभी भी नहीं भुलेंगे। उन्होंने कहा कि इस समागम में शिरकत करने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने उनको विशेष तौर पर भेजा है। उन्होंने कहा कि देश और राज्य के लिए बलिदान देने वालों को सत्कार देने के लिए पंजाब सरकार द्वारा पहले दी जाने वाली 12 लाख रुपए की राशि को बढ़ाकर 50 लाख रुपए कर दिया गया है।

जि़ला प्रशासन शहीद के परिवार के साथ चट्टान की तरह खड़ा है

उन्होंने कहा कि इस दुख की घड़ी में पंजाब सरकार और जि़ला प्रशासन शहीद के परिवार के साथ चट्टान की तरह खड़े हैं। उन्होंने बताया कि शहीद की पत्नी को 25 हज़ार रुपए की तत्काल आर्थिक राशि अंतिम संस्कार वाले दिन दी गई थी, जबकि आज पंजाब सरकार द्वारा 5 लाख रुपए का चैक दिया गया। उन्होंने भरोसा दिया कि सरकार द्वारा जल्द ही शहीद की पत्नी को सरकारी नौकरी और बनती अन्य वित्तीय मदद मुहैया करवाई जाएगी। उन्होंने ऐलान किया कि गाँव के सरकारी स्कूल और सडक़ का नाम शहीद लखवीर सिंह के नाम पर रखा जाएगा।

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इस मौके पर उन्होंने शहीद की पत्नी नमदीप कौर और माता को दिलासा भी दिया। बताने योग्य है कि बीते दिनों लखवीर सिंह अपने साथी सिपाही के साथ अरुणाचल प्रदेश के साथ लगती चीन की सरहद पर गश्त कर रहा था, तब वह हादसे का शिकार होकर शहीद हो गया था। विधायक श्री बराड़ ने भी परिवार को भरोसा दिया कि पंजाब सरकार द्वारा उनकी हर संभव सहायता की जाएगी। उन्होंने कहा कि लखवीर सिंह की शहादत ने अकेले गाँव डेमरू खुर्द का ही नहीं बल्कि पूरे हलका बाघापुराना का सिर फख़ऱ के साथ ऊँचा कर दिया है।




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