नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर पुलिस के निलंबित डीएसपी देविंदर सिंह के माध्यम से पाकिस्तान (Pakistan) भारत के विदेश मंत्रालय में अपनी घुसपैठ करना चाहता था। इसके लिए पाकिस्तानी हैंडलर्स ने बाकायदा देविंदर सिंह को ‘टास्क’ भी सौंपा था। इस बात का खुलासा एनआईए (NIA) चार्जशीट के माध्यम से हुआ है, जिसमें बताया गया है कि देविंदर सिंह के माध्यम से पाकिस्तान भारत के विदेश मामलों के मंत्रालय में संपर्क स्थापित कर जासूसी का प्लान बना रहा था।
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नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (National Investigation Agency -NIA) ने जम्मू की कोर्ट में अपनी चार्जशीट दाखिल की। इसमे बताया गया है कि पकड़े जाने से पहले देविंदर सिंह जम्मू कश्मीर पुलिस के बेहद संवेदनशील एंटी-हाइजैकिंग ब्रांच में तैनात था। इस दौरान वो पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में बैठे हैंडलर्स के संपर्क में था।
‘पाक भाई’ के नाम से सेव किया था नंबर
चार्जशीट के मुताबिक देविंदर सिंह ने पाकिस्तानी उच्चायोग के अपने संपर्क का नंबर ‘पाक भाई’ के नाम से सेव कर रखा था, जिससे उसे निर्देश प्राप्त होते थे। देविंदर उसे बेहद संवेदनशील जानकारियां दिया करता था। इसमें कश्मीर घाटी में सुरक्षा बलों की तैनाती से लेकर घाटी में आने वाले हर एक ‘वीआईपी’ की जानकारी भी शामिल है।
देविंदर सिंह सीधे सीधे हिजबुल मुजाहिदीन के लिए काम करता था। वहीं से उसे विदेश मंत्रालय में पैठ बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। ताकि इसका इस्तेमाल भारत के खिलाफ हो सके। हालांकि एनआईए ने कहा है कि वो अपने आकाओं से मिले निर्देश को पूरा कर पाने में फेल रहा।
तिहाड़ में बंद है देविंदर सिंह
एनआईए की चार्जशीट में देविंदर सिंह को हिजबुल मुजाहिदीन (Hizbul Mujahideen) को मदद पहुंचाने का आरोपी बनाया गया है और वो अभी दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है। देविंदर सिंह को 11 जनवरी जम्मू कश्मीर पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उसके साथ आतंकी नवीद बाबू, रठेर और मीर भी था।
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देविंदर को काजी गंद के पास कश्मीर घाटी को पूरे देश से जोड़ने वाले हाइवे पर पकड़ा गया था। वो आतंकियों को सुरक्षित ठिकाने की तरफ छिपाने जा रहा था। तलाशी में उसके पास से एक-47 राइफल, तीन पिस्टल के अलावा भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री और गोलियां बरामद हुई थी। (जी न्यूज से इनपुट)