डेली संवाद, चंडीगढ़
व्यापारिक सुविधा सम्बन्धी सर्वेक्षण में पंजाब के 19वें स्थान पर असंतुष्टी ज़ाहिर करते हुये पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार का निशाना अगले पाँच साल में राज्य को सर्वोच्च स्थान पर ले जाने का है जिसके लिए कारोबार सुविधा को बढ़ावा देने के लिए स्वै-मंजूरियों (Deemed Approvals) की नयी प्रणाली को लागू किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार स्वै-मंजूरियों की नयी प्रणाली पर काम कर रही है जिसमें निर्धारित समय सीमा ख़त्म होने पर अपने आप ऑनलाइन मंजूरी जारी हो जायेगी। उन्होंने कहा कि विदेशी और घरेलू कंपनियों को खींचने के लिए नये औद्योगिक पार्क भी स्थापित किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि लुधियाना, राजपुरा, बठिंडा और मोहाली में अत्याधनिक मेगा पार्क स्थापित हो रहे हैं।
पंजाब बीसवीं सदी में नंबर एक राज्य था
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने यह बताते हुये कि पंजाब बीसवीं सदी में नंबर एक राज्य था, उद्योगों को न्योता दिया कि वह राज्य का पहला वाला स्थान फिर हासिल करने के लिए सरकार की की जा रही कोशिशों में अपना योगदान डालें। निवेशकों को पूरा सहयोग देने की अपनी सरकार की वचनबद्धता दोहराते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड के उपरांत आने वाले साल में आम जैसा माहौल होने पर वह निवेशकों को और भी सहयोग देंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके अफसरों की टीम पंजाब में उद्योगों को मदद और सुविधा देने के लिए हर संभव कोशिशें करेगी।
अपने कौशल प्रशिक्षण को और बेहतर बनाने और इसको नौकरी आधारित बनाने के लिए उद्योगों को राज्य के हिस्सेदार बनने का न्योता देते हुये कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा,‘आपको कुशल मानवीय शक्ति चाहिए और आप इन शिक्षित नौजवानों की सेवाओं को अच्छे पैकेज पर ले सकते हो।’ मुख्यमंत्री चितकारा यूनिवर्सिटी की तरफ से ‘पंजाब घर-घर रोजग़ार और कारोबार मिशन’ के अंतर्गत कोविड के बाद की दुनिया के लिए नौकरी के क्षेत्र और ज़रुरी कौशल सम्बन्धी कुछ औद्योगिक दिग्गजों के साथ वर्चुअल कांफ्रेंस कर रहे थे।
ग्रामीण बच्चों को कुशल बनाना चुनौती
मुख्यमंत्री ने पंजाब को पेश चुनौतियों का जि़क्र किया जिसमें कृषि अर्थव्यवस्था प्रमुख तौर पर शामिल है और उनकी सरकार की तरफ से औद्योगीकीकरण की तरफ बढऩे के यत्न किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विशेष तौर पर ग्रामीण बच्चों को कुशल बनाना चुनौती है। उन्होंने कहा कि नयी शिक्षा नीति, जिसको इस समय पर राज्य की तरफ से विस्तार में जाँचा जा रहा है, को राज्य की ज़रूरतों के मुताबिक दर्शाया जाना चाहिए।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि महामारी ने औद्योगिक विकास की प्रक्रिया को चोट पहुंचाई जिससे आर्थिकता पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा। उन्होंने कहा कि संकट के समय दौरान भी राज्य को 2500 करोड़ रुपए का निवेश प्राप्त हुआ जो पंजाब में निवेश की भरोसगी का मज़बूत संदेश है। मुख्यमंत्री ने बताया कि उनकी सरकार की तरफ से नयी औद्योगिक नीति को लागू करने के बाद साढ़े तीन सालों में राज्य में ज़मीनी स्तर पर 64,000 करोड़ रुपए का निवेश हुआ।