डेली संवाद, जालंधर
इनोसेंट हाट्र्स कालेज ऑफ एजुकेशन जालन्धर ने बड़े गर्व और उत्साह के साथ हिन्दी दिवस मनाया। इस अवसर पर ऑनलाइन समारोह का आयोजन किया गया। सहायक प्रोफैसर श्रीमती शिखा शर्मा ने आधुनिक समय में हिन्दी भाषा के महत्व पर प्रकाश डाला। एक ऑनलाइन काव्य संगोष्ठी का आयोजन किया गया था जिसमें विद्यार्थी-अध्यापक कुनिका, पारूल, जसकिरण, प्रभजोत, बलवीर ने हिन्दी भाषा के प्रति अपने प्रेम और सम्मान को दर्शाते हुए स्वरचित कविताएं सुनाई।
कई विद्यार्थी-अध्यापकों ने हिन्दी भाषा के महत्व को रेखांकित करते हुए भाषण दिए। उन्होंने यह संदेश फैलाया कि हिन्दी भाषा हमारी सांस्कृतिक विरासत है। यह हमारी अधिकारिक भाषा है और हमारे राष्ट्र की रीढ़ की हड्डी है। विद्यार्थी-अध्यापक कुनिका, पारूल, जसकिरण ने क्रमश: प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त किया। उन्हें ई-सर्टीफिकेट देकर सम्मानित किया जाएगा। प्राचार्य डा. अरजिन्दर सिंह ने विजेताओं को बधाई दी।
जाने क्यों मनाया जाता है हिन्दी दिवस
हिन्दी दिवस प्रत्येक वर्ष 14 सितम्बर को मनाया जाता है। 14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा ने एक मत से यह निर्णय लिया कि हिन्दी ही भारत की राजभाषा होगी। इसी महत्वपूर्ण निर्णय के महत्व को प्रतिपादित करने तथा हिन्दी को हर क्षेत्र में प्रसारित करने के लिये राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा के अनुरोध पर वर्ष 1953 से पूरे भारत में 14 सितम्बर को प्रतिवर्ष हिन्दी-दिवस के रूप में मनाया जाता है। एक तथ्य यह भी है कि 14 सितम्बर 1949 को हिन्दी के पुरोधा व्यौहार राजेन्द्र सिंहा का 50-वां जन्मदिन था, जिन्होंने हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए बहुत लंबा संघर्ष किया । स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद हिन्दी को राष्ट्रभाषा के रूप में स्थापित करवाने के लिए काका कालेलकर, मैथिलीशरण गुप्त, हजारीप्रसाद द्विवेदी, सेठ गोविन्ददास आदि साहित्यकारों को साथ लेकर व्यौहार राजेन्द्र सिंह ने अथक प्रयास किए।