कांग्रेस के चुनाव मैनीफैस्टो और केंद्र के कृषि कानूनों का दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं : कैप्टन

Daily Samvad
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डेली संवाद, चंडीगढ़
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज अकालियों को कांग्रेस के चुनाव घोषणापत्र के चुनिंदा हिस्से को लेकर राज्य के लोगों को गुमराह करने और झूठ बोलने से बाज आने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के मैनीफैस्टो का किसान विरोधी कदमों के साथ दूर-दूर तक भी कोई संबंध नहीं है और इन कदमों को ही भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार अपने अमीर कॉर्पोरेट मित्रों के हितों को बढ़ावा देने के लिए गरीब किसानों पर जबरन थोपने की कोशिश कर रही है।

इस मुद्दे पर कांग्रेस के विरुद्ध बेबुनियाद और झूठे दोष लगाने पर विपक्षी दलों को आड़े हाथों लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पत्रकारों के समक्ष चुनाव घोषणापत्र की प्रतियां लहराने की बजाय शिरोमणि अकाली दल और आम आदमी पार्टी को पहले सम्बन्धित हिस्सों को पढ़ने का प्रयास करना चाहिए।

लोकसभा के साथ-साथ पंजाब के विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के चुनाव घोषणापत्रों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने कहीं भी ऐसी तबदीलियाँ लाने की बात नहीं की जैसी तबदीलियाँ केंद्र सरकार बुरे इरादों वाले बिलों के द्वारा देश पर थोपने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि यहाँ तक कि कांग्रेस पार्टी के मैनीफैस्टो में तो ए.पी.एम.सी. प्रणाली को और मजबूत बनाने की बात स्पष्ट रूप से कही गई है जिससे किसानों को और ज्यादा फायदा मिल सके।

झूठ बोल रहे हैं अकाली नेता

राज्य कांग्रेस के साल-2017 के मैनीफैस्टो में यह दर्ज है कि ए.पी.एम.सी. ऐक्ट को न्यूनतम समर्थन मूल्य की मौजूदा प्रणाली के साथ छेड़छाड़ किये बिना अपडेट किया जायेगा जिससे डिजिटल प्रौद्यौगिकी के द्वारा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंडी में किसानों की सीधी पहुँच यकीनी बनाई जा सके जबकि लोकसभा के मैनीफैस्टो में तो इससे एक कदम और आगे जाते हुए मौजूदा ऐक्ट को रद्द करके मंडीकरण प्रणाली को और मजबूत बनाने और नयी व्यवस्था लाने की बात की गई जिसके अंतर्गत हजारों किसान मंडियों की स्थापना होगी जिसके साथ 2-3 किलोमीटर के दायरे में किसान आसानी से ही पहुँच कर सकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘सिर्फ मूर्ख या झूठे लोग ही इस तरह की व्याख्या कर सकते हैं कि कांग्रेस ने ए.पी.एम.सी. ऐक्ट को खत्म करना था।’’

इस मुद्दे पर लोगों को गुमराह करने के भद्दे प्रयास करने के लिए अकाली दल और आप को आड़े हाथों लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘कांग्रेस ने ए.पी.एम.सी. को कंट्रैक्ट फार्मिंग और निजी खरीद के साथ बदलने की बात कब और कहाँ कही थी।’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्रों में तो स्पष्ट तौर पर यह वादा किया गया है कि राज्य सरकार 48 घंटों में अनाज उठाने और अनाज खरीदने के तीन दिनों के अंदर-अंदर प्राईवेट एजेंसियों की तरफ से अदायगी किये जाने को यकीनी बनाएगी। उन्होंने कहा कि इससे यह बिल्कुल स्पष्ट हो जाता है कि खरीद व्यवस्था को बदलने का इसके साथ दूर-दूर तक भी कोई संबंध नहीं जबकि दूसरी तरफ केंद्र सरकार नये बिलों के द्वारा ऐसा करने पर तुली हुई है।

मैनीफैस्टो की जांच कर लें

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्य की बात है कि मीडिया दोनों चुनावी घोषणापत्रों की जांच किये बिना बड़े चेहरों के तौर पर बादलों और भाजपा नेताओं के बयान ले रहा है जबकि दोनों मैनीफैस्टो को जांचने की जरूरत नहीं समझी जा रही। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव के मैनीफैस्टो में बहुत से किसान-समर्थकीय वादे दर्ज हैं जिनमें कर्ज माफी से लेकर कर्जे से मुक्ति के साथ-साथ छोटे, सीमांत और भूमि रहित किसानों के विकास के लिए राष्ट्रीय आयोग, जरूरी कृषि वस्तुओं पर सब्सिडी और किसान बजट का जिक्र है।















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