महाबीर जायसवाल
@mahabirjaiswal
पंजाब के पूर्व कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस (congress) के फायर ब्रांड नेता नवजोत सिंह सिद्धू (navjot singh sidhu) की भाजपा (BJP) में वापसी की खुद कांग्रेस ही जमीन तैयार करने में लगी है। भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए नवजोत सिंह सिद्धू का पैर खुद सूबे के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस में नहीं लगने दिया।पार्टी हाईकमान के भारी दबाव में सिद्धू को कैप्टन ने अपने मंत्रीमंडल में शामिल तो कर लिया, लेकिन उन्हें दूसरे मंत्रियों जैसा कभी भी तवज्जो नहीं दिया। यही कारण रहा कि सिद्धू ज्यादा देर तक मंत्रीमंडल में टिक नहीं सके और इस्तीफा दे दिया।
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पंजाब में कांग्रेस प्रभारी आशा कुमारी के हटाए जाने के बाद पार्टी में यह सुगबुगाहट तेज हो गई थी कि नए प्रभारी हरीश रावत सिद्धू को बड़ा ओहदा सौंपेंगे। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और पंजाब कांग्रेस के नए प्रभारी हरीश रावत सिद्धू को लेकर बहुत ही सकारात्मक थे, लेकिन मोगा में राहुल गांधी की ट्रैक्टर रैली के बाद उनका नजरिया एकदम से बदल सा गया है। इसे कैप्टन की जीत कह सकते हैं, या फिर सिद्धू की खराब किस्मत, जो एक बार फिर से दगा दे गई। इसे इस नजरिए से भी देख सकते हैं कि सिद्धू के लिए कांग्रेस ही भाजपा में वापसी की जमीन तैयार कर रही है।
सिद्धू के लिए न तो पार्टी में, न ही सरकार में जगह
पंजाब में जब हरीश ऱावत पार्टी के प्रभारी घोषित किए गए थे, तो पार्टी में ये बात जोर पकड़ने लगी कि नवजोत सिंह सिद्धू कांग्रेस के प्रदेश प्रधान बनाए जा सकते हैं। सबकुछ ठीक भी चल रहा था, लेकिन मोगा में राहुल गांधी की ट्रैक्टर यात्रा में अपनी ही राज्य सरकार पर हमला कर के नवजोत सिद्धू ने अपना पत्ता ही खुद ही काट दिया। पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत कहते हैं कि सिद्धू के लिए अभी पार्टी और राज्य सरकार में कोई जगह नहीं है।
हरीश रावत ने एक टीवी चैनल को दिए अपने इंटरव्यू में कहा है कि पंजाब कांग्रेस की कमान सुनील जाखड़ के हाथ में है और पंजाब सरकार में उन्हें लेने या न लेने का फैसला मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को करना है। ऐसे में आज की तारीख में नवजोत सिंह सिद्धू के लिए पार्टी या सरकार में कोई वेकेंसी नहीं है।
कांग्रेस यूं हुई नाराज
दरअसल, 4 अक्टूबर को मोगा में राहुल गांधी की ट्रैक्टर रैली थी। इस रैली में नवजोत सिद्धू ने जिस तरह अपनी ही सरकार पर हमला बोला था, उससे पंजाब कांग्रेस के नेता परेशान हो गए थे। इससे अंदरखाते पार्टी काफी नाराज है। यही कारण था कि मोगा रैली के बाद सिद्धू को बाकी जगह बोलने का मौका नहीं दिया गया। हरीश रावत का कहना है कि उन्हें पटियाला में बुलाया जाना था, लेकिन राहुल गांधी की प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन होने की वजह से टाइमिंग में बदलाव करना पड़ा।
भाजपा में एसे होगी वापसी
नवजोत सिंह सिद्धू और उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू भाजपा को छोड़कर कांग्रेस ज्वाइन किया। सिद्धू दंपति को तब अकाली दल के सुप्रीमो और पंजाब के डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल और उनके रिश्तेदार बिक्रम मजीठिया से परेशानी थी। सिद्धू दंपति ने भाजपा छोड़ने से पहले कहा था कि अगर भाजपा खुद को अकाली दल से अलग कर लेती है तो वे भाजपा में बने रहेंगे। यही नहीं, कांग्रेस में रहते हुए सिद्धू दंपति ने कहा कि जिस दिन भाजपा और अकाली दल अलग होंगे, उसके बाद सिद्धू दंपति फिर से भाजपा में वापसी कर सकते हैं। चूंकि अब अकाली दल खुद को भाजपा से अलग कर चुकी है, जिससे यह कयास लगाए जा रहे हैं कि सिद्धू दंपति और कुछ बड़े नेताओं की जल्द ही भाजपा में वापसी हो सकती है। (लेखक, वरिष्ठ पत्रकार हैं।)