इंग्लिश बूस्टर क्लबों के साथ सरकारी स्कूलों में दाखि़ल होने के रुझान में तेजी आने की संभावना

Daily Samvad
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डेली संवाद, चंडीगढ़
पंजाब के शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला द्वारा स्कूल शिक्षा में गुणात्मक सुधार लाने के लिए आरंभ की गई मुहिम अधीन अब शिक्षा विभाग ने इंग्लिश बूस्टर क्लब (ई.बी.सी.) खोलने की प्रक्रिया शुरू कर दी जिससे सरकारी स्कूलों में दाखि़ला लेने के रुझान में और तेज़ी आने की संभावना है।

शिक्षा विभाग के एक प्रवक्ता के अनुसार सिंगला द्वारा स्कूली शिक्षा में की गई नयी पहलकदमियों के परिणामस्वरूप चालू शैक्षिक सत्र 2020-21 के दौरान पिछले साल के मुकाबले इस बार दाखि़लों में 15 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है और ई.बी.सी. की इस नयी पहलकदमी से सरकारी स्कूलों के प्रति और अकर्षण बढऩे की प्रबल संभावना है।

सरकारी स्कूलों की ओर रूख करने की रुचि पैदा हुई

प्रवक्ता के अनुसार अपने बच्चों के लिए स्कूल का चयन करते समय माता-पिता के लिए अंग्रेज़ी हमेशा एक पहल होती है। विद्यार्थियों के माता-पिता द्वारा विशेष रूप से अंग्रेज़ी की पढ़ाई के मद्देनजऱ प्राईवेट स्कूलों को प्राथमिकता दी जाती रही है और सरकारी स्कूलों में अंग्रेज़ी के स्तर को ऊँचा उठाने से अब लोगों में सरकारी स्कूलों की ओर रूख करने की रुचि पैदा हुई है।

प्रवक्ता के अनुसार ई.बी.सी. का मुख्य मकसद सरकारी स्कूलों में छठी से बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों के इंग्लिश संचार कौशल को बेहतर बनाना है। सरकारी स्कूलों में राज्य के स्रोत समूहों द्वारा गाईडड वीडियो, रिकॉर्ड की गई टेपों, वाक्यों और वाक्यांशों को साझा किया जायेगा और विद्यार्थी दी गई सामग्री को अपनी शैली और आवाज़ में दोबारा पेश करेंगे।

सात हज़ार स्कूलों में इंग्लिश बूस्टर क्लब

इस प्रोजैक्ट को 12 अक्तूबर से शुरू किया जा चुका है और अब तक तकरीबन सात हज़ार स्कूलों में इंग्लिश बूस्टर क्लब बन चुके हैं। पहले पड़ाव में हर सैक्शन या क्लास में से तीन विद्यार्थीयों को लेकर उनको उत्साहित और प्रेरित करके उनमें अंग्रेज़ी के प्रति उत्सुकता पैदा की जायेगी। इसके बाद सभी विद्यार्थियों को क्लब में शामिल किया जायेगा जिससे वह इंग्लिश बूस्टर क्लब का फ़ायदा उठा सकेंगे। प्रवक्ता के अनुसार इससे विद्यार्थियों की अंग्रेज़ी बोलने की क्षमता बढ़ेगी और उनमें अंग्रेज़ी भाषा का सभी पक्षों से ज्ञान बढ़ेगा। इससे सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी अंग्रेज़ी माध्यम वाले प्राईवेट स्कूलों के विद्यार्थियों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम होंगे।





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