किसानों की रक्षा के लिए दिल्ली में राजघाट से मिशन का आग़ाज़
डेली संवाद, नई दिल्ली
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज पंजाब और यहाँ के किसानों की रक्षा के लिए दिल्ली में राजघाट से मिशन का आग़ाज़ किया। इस मौके पर उन्होंने राज्य के साथ किये जा रहे सौतेले व्यवहार के लिए केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला और राज्यपाल की भूमिका पर भी गंभीर चिंताएं ज़ाहिर कीं जिन्होंने विधानसभा में पास किये गए प्रांतीय संशोधन बिल उनको पेश करने के कई हफ़्तों बाद भी आगे राष्ट्रपति को नहीं भेजे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल की इसमें निभाने वाली कोई भूमिका नहीं है, उनको अब तक यह बिल राष्ट्रपति को भेज देने चाहिए थे और ऐसे मसलों में वह तो केवल पोस्ट-बॉक्स ही हैं तो उन्होंने अभी तक बिल आगे क्यों नहीं भेजे? मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल उनकी सरकार द्वारा एक साल पहले सौंपे गए एक अन्य बिल पंजाब स्टेट लैजिसलेचर (प्रीवेन्शन ऑफ डिस्क्वालीफिकेशन) को अभी भी रोके बैठे हैं।
राजघाट में राष्ट्रपिता को श्रद्धा के फूल भेंट करने के बाद पत्रकारों के साथ अनौपचारिक बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति द्वारा उन्हें और पंजाब के विधायकों को मिलने के लिए समय देने से इन्कार करने पर अफ़सोस ज़ाहिर किया जिन्होंने राज्य के साथ जुड़े गंभीर मसलों को उनके ध्यान में लाना था।
केंद्र का पंजाब के प्रति सौतेल व्यवहार
राजघाट में जाने के लिए मुख्यमंत्री के साथ सिर्फ पंजाब के कांग्रेस के संसद मैंबर ही उपस्थित थे क्योंकि दिल्ली पुलिस ने सिर्फ उनको ही जाने की इजाज़त दी थी। एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र का पंजाब के प्रति सौतेल व्यवहार पूरी तरह गलत है। उन्होंने कहा कि राज्य को मार्च महीने से जी.एस.टी. की अदायगी नहीं की गई और संवैधानिक गारंटी का 10,000 करोड़ रुपए अभी भी बकाया है।
मुख्यमंत्री ने डॉ. मनमोहन सिंह के कार्यकाल को याद करते हुए कहा कि एक बार उन्होंने डॉ. मनमोहन सिंह जी को पूछा था कि वह पंजाब में अकालियों को इतना अधिक क्यों देते हैं तो प्रधानमंत्री ने जवाब दिया था कि केंद्र सरकार के प्रमुख होने के नाते वह सभी के साथ समान रवैया अपनाते हैं। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि उनको उम्मीद थी कि मौजूदा केंद्र सरकार भी राज्य सरकार के प्रति यही पहुँच अपनाएगी।
सभी गाड़ियाँ चलाने की आज्ञा दे दी
हालांकि उन्होंने खेती बिलों और प्रदर्शनकारी किसानों द्वारा माल गाड़ीयों की यातायात में ढील देने के बावजूद रेलवे द्वारा इन गाड़ीयों की सेवा बहाल न करने बारे राज्य की चिंताएं उठाने के लिए अभी तक प्रधानमंत्री से समय नहीं माँगा और मुख्यमंत्री ने पत्रकारों को बताया कि पार्टी के संसद सदस्यों ने विभिन्न केंद्रीय मंत्रियों से मिलने के लिए समय माँगा है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने ख़ुद केंद्रीय रेलवे मंत्री पीयूष गोयल के साथ बात की। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने अपने मिशन की शुरुआत राजघाट से करने का रास्ता इसलिए चुना है क्योंकि महात्मा गांधी ने लाखों किसानों के साथ भारत की पहचान की थी। उन्होंने स्पष्ट किया कि आज का प्रोग्राम पंजाब के विधायकों और संसद सदस्यों की तरफ से ‘मोर्चाबन्दी’ नहीं है बल्कि राज्य को पेश संकट भारत के लोगों के ध्यान में लाने का यत्न है।