लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक्शन (Action against Corruption) जारी रखा है। इसी क्रम में मंगलवार को दो आईएएस अफसरों (2 IAS Officers) पर गाज गिरी है। सूत्रों के अनुसार भ्रष्टाचार की शिकायतें मिलने के बाद राजस्व परिषद से सीनियर आईएएस गुरुदीप सिंह और राजीव शर्मा को हटा दिया गया है। दोनों को प्रतीक्षारत कर दिया गया है।
बता दें मार्च 2017 में यूपी की सत्ता संभालने वाली योगी सरकार ने भ्रष्टाचार के मामले में जमकर एक्शन लिया है। यही वजह है कि बड़ी गलती पाये जाने पर तत्काल निलंबन की कार्रवाई की जाती है। मिली जानकारी के मुताबिक, अभी तक के योगी सरकार के कार्यकाल में 6 IAS, जबकि 14 IPS अफसरों को निलंबित किया जा चुका है। पिछले साढ़े साल में अभी तक 6 IAS अफसरों को योगी सरकार निलंबित कर चुकी है। इनमें से 4 तो डीएम के पद पर तैनात थे।
जितेंद्र बहादुर सिंह को डीएम गोंडा के पद से हुए थे निलंबित
जितेंद्र बहादुर सिंह को डीएम गोंडा के पद पर रहते हुए जून 2018 में निलंबित किया गया था। जिले में सरकारी अनाज की बंटरबाट का इन पर आरोप लगा था। कुमार प्रशांत को डीएम फतेहपुर रहते जून 2018 में निलंबित किया गया था। इन पर सरकारी गेहूं खरीद में धांधली का आरोप था। देवेंद्र कुमार पांडेय को उन्नाव में डीएम रहते इसी साल फरवरी में सस्पेंड किया गया था। देवेंद्र कुमार पर बेसिक शिक्षा विभाग में हुई खरीद में वित्तीय अनियमितता के आरोप लगे थे।
अमरनाथ उपाध्याय को डीएम महाराजगंज रहते इन्हें निलंबित किया गया था। उन पर डीएम रहते गौ संरक्षण केंद्रों के बजट में धांधली के आरोप लगे थे। इसी तरह केदारनाथ सिंह 2012 में PCS से IAS बने, उन्हें पिछले साल मई में सस्पेंड किया था। तब वे पर्यटन विभाग में विशेष सचिव थे। शारदा सिंह को चकबंदी आयुक्त रहते इस IAS को योगी सरकार ने सस्पेंड किया था। आरोप ये था कि होने वाली भर्ती में इन्होंने ओबीसी कोटे से किसी की भर्ती नहीं की।