मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने चौथे स्तंभ पर सीधा वार किया है। बुधवार सुबह मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी के घर में न केवल मारपीट की, बल्कि उन्हें बलपूर्वक गिरफ्तार भी कर लिया। अर्नब का आरोप है कि पुलिस ने उनके साथ मारपीट की। रिपब्लिक टीवी ने अर्नब के घर के लाइव फुटेज भी दिखाए, जिसमें पुलिस और अर्नब के बीच झड़प होती दिख रही है। एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में अर्नब और रिपब्लिक टीवी मुंबई पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते रहे हैं।
पत्रकार अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी के बाद देश और दुनिया में मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र सरकार की जबरदस्त निंदा हो रही है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से लेकर सभी केंद्रीय मंत्री और तमाम पत्रकार संगठनों ने इस गिरफ्तारी की घोर निंदा की है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में पत्रकारों को दमन किया जा रहा है, ऐसा लग रहा है कि जैसे महाराष्ट्र में आपातकाल लगा दिया गया है।
Every person who believes in a free press and freedom of expression is furious at the Maharashtra Government’s bullying and harassment of Arnab Goswami. This is yet another instance of Sonia and Rahul Gandhi-directed antic of silencing those who disagree with them. Shameful!
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) November 4, 2020
अर्नब पर ये हैं आरोप
2018 में 53 साल के इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक और उसकी मां ने आत्महत्या कर ली थी। इस मामले की जांच सीआईडी कर रही है। अन्वय की पत्नी अक्षता ने इस साल मई में आरोप लगाया था कि उनके पति ने रिपब्लिक टीवी के स्टूडियो में इंटीरियर का काम किया था। इसके लिए 500 मजदूर लगाए गए थे, लेकिन अर्नब ने बाद में 5.40 करोड़ रुपए का भुगतान नहीं किया। इससे उनका परिवार तंगी में आ गया। परेशान होकर अन्वय ने अपनी बुजुर्ग मां के साथ खुदकुशी कर ली। अन्वय ने कथित तौर पर सुसाइड नोट में भी अर्नब और दो अन्य पर आरोप लगाया था।
आपातकाल 1977 में ख़त्म हुआ पर मानसिकता बनी रही।
आपातकाल का समर्थन करनेवाली कांग्रेस- शिवसेना साथ आने के बाद उसी मानसिकता का दर्शन दे रहे है।
सरकार विरोधी हर आवाज को कुचलने का प्रयास लोकतंत्र पर धब्बा है। भारत ने एक ही बात सीखी है, हर ज़ोर ज़ुल्म की टक्कर में संघर्ष हमारा नारा है।— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) November 4, 2020
केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर और ईरानी ने कार्रवाई पर सवाल उठाए
प्रकाश जावड़ेकर ने ट्वीट किया, ‘हम महाराष्ट्र में प्रेस की आजादी पर हमले की निंदा करते हैं। यह प्रेस के साथ व्यवहार का तरीका नहीं है। यह इमरजेंसी के दिनों की याद दिलाता है, जब प्रेस के साथ ऐसा व्यवहार किया गया था।’
मुंबई में प्रेस-पत्रकारिता पर जो हमला हुआ है वह निंदनीय है। यह इमरजेंसी की तरह ही महाराष्ट्र सरकार की कार्यवाही है। हम इसकी भर्त्सना करते हैं।@PIB_India @DDNewslive @republic
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) November 4, 2020
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने इस कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने ट्वीट किया, ‘फ्री प्रेस में जो लोग आज अर्नब के समर्थन में नहीं खड़े हैं, वे फासीवाद के समर्थन में हैं। आप उसे पसंद नहीं कर सकते हैं, आप उसे स्वीकार नहीं कर सकते हैं, आप उसके अस्तित्व को तुच्छ समझ सकते हैं, लेकिन अगर आप चुप रहते हैं तो आप दमन का समर्थन करते हैं। अगली बार आप पर कार्रवाई हुई तो कौन बोलेगा?’
Those in the free press who don’t stand up today in support of Arnab, you are now tactically in support of fascism. You may not like him, you may not approve of him,you may despise his very existence but if you stay silent you support suppression. Who speaks if you are next ?
— Smriti Z Irani (@smritiirani) November 4, 2020
कंगना ने उद्धव और सोनिया से पूछा- आप कितनी आवाजें बंद करेंगे
कंगना रनौट ने कहा, ‘मैं महाराष्ट्र सरकार से पूछना चाहती हूं कि आपने आज अर्नब गोस्वामी को उनके घर में जाकर मारा है…कितने घर तोड़ेंगे आप?…कितनी आवाजें बंद करेंगे आप?…एक आवाज बंद करेंगे, कई उठ जाएंगी…कोई पैंग्विन कहता है तो गुस्सा आता है? क्यों गुस्सा आता है, जब पप्पू सेना कहते हैं? सोनिया सेना कहते हैं तो गुस्सा आता है क्या?’
Message for Maharashtra government @republic #Arnab #ArnabWeAreWithYou #ArnabGoswami pic.twitter.com/AJizRCitS7
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) November 4, 2020
CM योगी के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने की निंदा
पत्रकार अर्नब गोस्वामी की बुलंद आवाज़ को दबाने की घटना घोर निंदनीय है लेकिन फिर आवाज़ दबाने का काम ग़ैरभाजपा पार्टी ने किया है इसीलिए इसपर अवार्ड वापसी, WPJ में बड़े-बड़े लेख और प्रेस क्लब वालों से निंदा की अपेक्षा रखना बेवक़ूफ़ी होगी।
पत्रकार अर्नब गोस्वामी की बुलंद आवाज़ को दबाने की घटना घोर निंदनीय है लेकिन फिर आवाज़ दबाने का काम ग़ैरभाजपा पार्टी ने किया है इसीलिए इसपर अवार्ड वापसी, WPJ में बड़े-बड़े लेख और प्रेस क्लब वालों से निंदा की अपेक्षा रखना बेवक़ूफ़ी होगी।
— Mrityunjay Kumar (@MrityunjayUP) November 4, 2020
मीडिया सलाहकार शलभ त्रिपाठी ने की निंदा
लोकतंत्र में ये तस्वीरें भयावह हैं, अपमानजनक हैं, अर्नब के घर में घुसकर खाकी ने जमकर तांडव किया, उनके और परिवार के साथ मारपीट हुई, महज उद्धव और गांधी परिवार को खुश करने की ख़ातिर मुंबई पुलिस ने खुद को ऐसा गिराया कि अब गिरी हुई साख को वापस पाना उसके लिए आसान ना होगा। https://t.co/BGapoPWcDS
— Dr. Shalabh Mani Tripathi (मोदी का परिवार) (@shalabhmani) November 4, 2020
डेली संवाद ने मुंबई पुलिस की निंदा
रिपब्लिक मीडिया के अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी निंदनीय है। क्या महाराष्ट्र की सरकार मुम्बई में आपातकाल लगाने जा रही है? एक सीनियर जर्नलिस्ट के साथ इस तरह दुर्व्यवहार कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
रिपब्लिक मीडिया के अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी निंदनीय है। क्या महाराष्ट्र की सरकार मुम्बई में आपातकाल लगाने जा रही है? एक सीनियर जर्नलिस्ट के साथ इस तरह दुर्व्यवहार कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। @republic @Republic_Bharat @MumbaiPolice @OfficeofUT @DGPMaharashtra https://t.co/9qXrk1p7oc
— Mahabir Jaiswal (@mahabirjaiswal) November 4, 2020