नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली के बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन (Farmers Protest) जारी है। सड़क पर ट्रॉलियों को ही किसानों ने घर बना लिया है। दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन में रातभर देशभक्ति का गाना चलता रहा। किसानों का नया नारा अब ‘दिल्ली चलो’ नहीं बल्कि ‘दिल्ली घेरो’ है। दिल्ली के 5 प्वाइंट पर किसान अब धरना देंगे।
इस बीच बुराड़ी ग्राउंड पर बैठे पंजाब से आए एक किसान ने कहा कि यहां रह के कोई फायदा नहीं है। हम काला कानून रद्द करने आए हैं। हम दिल्ली की सारे बॉर्डर बंद करेंगे। हमारे पास 6 महीने तक का राशन है। हमें आपके खाने की जरूरत नहीं है। वोट मांगने के लिए गृह मंत्री और प्रधानमंत्री के पास समय है लेकिन हम लोगों से मिलने के लिए नहीं है। हम इनका हुक्का पानी बंद करेंगे।
दिल्ली बॉर्डर पर अड़े हुए हैं किसान
किसानों के आंदोलन (Farmers Protest) के 5 दिन बाद भी किसानों का गुस्सा कम नहीं हो रहा है। सरकार बातचीत को तैयार है लेकिन किसान दिल्ली बॉर्डर (Delhi Border) पर अड़े हैं कि बातचीत यहीं होगी। किसान न तो दिल्ली पुलिस (Delhi Police) द्वारा तय किए गए प्रदर्शन स्थल पर जा रहे हैं और ना ही दिल्ली बॉर्डर से हट रहे हैं।
ये पुलिस है, नंगा करके पीटती है, फिर रिश्वत मांगती है
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किसानों के इस ऐलान के बाद सरकार की टेंशन बढ़ी हुई है। किसानों का प्रदर्शन अब दिल्ली और उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर भी शुरू हो गया है। यूपी गेट पर गाजीपुर के पास उत्तराखंड के किसान भी पहुंच गए हैं और किसानों का प्रदर्शन उग्र हो गया है, जिसके बाद उन्होंने पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़ दी है।
गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने ट्रैक्टर पर तिरपाल डाला
किसान आंदोलन का असर आम लोगों पर पड़ा है और लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। दिल्ली के पास हाईवे पर जाम की स्थिति बन गई है और दफ्तर जाने वालों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। इसके साथ ही भीड़ की वजह से कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। दिल्ली-यूपी बॉर्डर (Delhi UP Border) यानी गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने ट्रैक्टर पर तिरपाल डालकर इसे ही अपना घर बना लिया है। ठंड से बचने के लिए रजाई-कंबल भी लाए गए हैं। सड़क पर अलाव जल रहा है लेकिन सर्द रातों में इस अलाव की गर्मी से कहीं ज्यादा तपिश किसानों के गुस्से की आग से बढ़ रही है।