नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन (Kisan Andolan) कर रहे किसान संगठनों के साथ गतिरोध तोड़ने के लिए केंद्र सरकार ने एक और कोशिश की है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने किसान संगठनों के नेताओं को तीन दिसंबर की जगह आज ही बातचीत के लिए आमंत्रित किया है। केंद्रीय मंत्री का ये प्रस्ताव बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं के साथ विचार-विमर्श के बाद आया। केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हजारों किसान दिल्ली की सीमा पर पिछले पांच दिनों से धरने पर हैं।
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन लगातार आज छठे दिन जारी है। राजधानी में प्रवेश (Farmers protest delhi) करने के तीन रास्तों पर किसान डेरा डालकर बैठे हुए हैं। दिल्ली सरकार (delhi government) ने किसानों को बुराड़ी में प्रदर्शन करने की अनुमति दी है लेकिन किसान जंतर-मंतर पर विरोध करने के लिए अड़े हुए हैं। इस बीच आज तीन बजे किसानों को बात करने के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री (union minsiter) ने बुलाया है।
ये पुलिस है, हवालात में नंगा करके पीटती है, फिर छोड़ने के लिए रिश्वत मांगती है
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किसानों के विरोध के कारण टिकरी और सिंघु बॉर्डर पुरी तरह बंद हैं। इस बीच किसानों ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर उनकी बात नहीं सुनी गयी तो वे दिल्ली और दूसरे राज्यों को जोड़ने वाले सभी रास्तों को बंद कर देंगे। वहीं पुलिस ने संघु बॉर्डर पर हुए बवाल को लेकर मामला दर्ज कर लिया है। किसानों के विरोध पर चर्चा करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर पहुंच गये हैं।
दिल्ली गाजियाबाद बॉर्डर पर ट्रैक्टर से हटाया गया बैरिकेड
गाजीपुर-गाजियाबाद (दिल्ली-यूपी) सीमा पर किए गए बैरिकेडिंग को हटाने के लिए प्रदर्शनकारी किसान ट्रैक्टर का इस्तेमाल करते हैं। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक सिंघू बॉर्डर अभी भी दोनों तरफ से बंद है. ट्रैफिक को मुकरबा चौक और जीटीके रोड से डाइवर्ट किया गया है. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने कहा है कि सिंघू बॉर्डर अभी भी दोनों तरफ से बंद है. मुकरबा चौक और जीटीके रोड से ट्रैफिक डायवर्ट किया गया. ट्रैफिक बहुत भारी है. कृपया सिग्नेचर ब्रिज से रोहिणी और इसके विपरीत, GTK रोड, NH 44 और सिंघू बॉर्डर तक बाहरी रिंग रोड से बचें।
दिल्ली के ऑटोरिक्शा और टैक्सी हड़ताल पर नहीं जायेंगे
दिल्ली ऑटोरिक्शा यूनियन और दिल्ली प्रदेश टैक्सी यूनियन के महामंत्री राजेंद्र सोनी ने कहा कि हम पूरे देश की तरह किसानों के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि दिल्ली के ऑटोरिक्शा और टैक्सी हड़ताल पर नहीं जाएंगे. हम पहले ही 4 महीने के लिए काम से बाहर हो गए हैं और हड़ताल बर्दाश्त नहीं कर सकते।