नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के विरोध में अपने आंदोलन (Farmers Protest) को तेज करते हुए किसानों ने 8 दिसंबर को ‘भारत बंद’ का ऐलान किया है. इस ऐलान के मद्देनजर सोमवार को केंद्र सरकान ने राज्यों के लिए भारत बंद के दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इसमें सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए निर्देशित किया गया है. इसके अलावा कोरोना प्रोटोकॉल (Corona Protocol) का पालन कराना और कोई भी अप्रिय घटना न होने देने के लिए राज्यों को निर्देशित किया गया है।
किसान संगठनों के मुताबिक, 8 दिसंबर को सुबह 8 बजे से शाम 3 बजे तक भारत बंद (Bharat Band) होगा. इस दौरान सभी दुकानें और कारोबार बंद रहेंगे. हरियाणा, पंजाब, महाराष्ट्र और राजस्थान में सभी मंडियां बंद रहेंगी, लेकिन शादी के कार्यक्रमों को बंद से छूट दी गई है. एंबुलेंस और आपातकालीन सेवाओं को भी छूट रहेगी. हालांकि इस दौरान मीडिया के अलावा सभी आपातकालीन सेवाएं जारी रहेंगी।
शांतिपूर्ण होगा ‘भारत बंद’, गुजरात के किसान भी होंगे शामिल
किसान नेता बलदेव सिंह के मुताबिक, ये बंद शांतिपूर्ण रहेगा. किसी को भी हिंसक होने की इजाजत नहीं दी जाएगी. यदि किसी ने हिंसा की कोशिश की तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे. उन्होंने बताया कि इस आंदोलन को समर्थन देने के लिए गुजरात के 250 किसान बंद को समर्थन देने के लिए दिल्ली आएंगे।
इन विपक्षी दलों ने किया भारत बंद का समर्थन
बताते चलें कि किसानों के भारत बंद को कांग्रेस, टीआरएस, द्रमुक, शिवसेना, समाजवादी पार्टी, एनसीपी, टीएमसी, आरजेडी, आप और वामदलों ने भी अपना समर्थन दिया है. इनके अलावा दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने भी बंद का समर्थन किया है. हालांकि आरएसएस से जुड़े भारतीय किसान संघ (BMS) ने इस बंद से अलग रहने की घोषणा की है। उधर, किसान संगठनों ने चेतावनी दी कि यदि सरकार उनकी मांगें नहीं मानेगी तो वे अपने आंदोलन को और तेज कर देंगे. दिल्ली पहुंचने वाली सड़कें पूरी तरह बंद कर दी जाएंगी. किसी को भी दिल्ली से बाहर आने-जाने की इजाजत नहीं दी जाएगी।







