कृषि कानूनों के समर्थन में उतरे किसान, कृषि मंत्री को सौंपा ज्ञापन, कहा-आंदोलन पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित

Daily Samvad
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narendra tomar

नई दिल्ली। केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन पिछले 18 दिनों से जारी है। आज आंदोलन का 19वां दिन है। किसानों ने अपना प्रदर्शन तेज कर दिया है और आज वे भूख हड़ताल पर हैं। इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने फिक्की के कार्यक्रम में कहा कि सरकार किसानों के साथ बातचीत करने और उनकी हर गलतफहमी को दूर करने के लिए तैयार है।

इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह से नरेंद्र सिंह तोमर ने मुलाकात की। बता दें कि केंद्र सरकार चाहती है कि नए कृषि कानूनों को लेकर गतिरोध बातचीत के माध्यम से खत्म किया जाए, लेकिन किसान इसकी वापसी की मांग पर अड़े हुए हैं। किसान संगठनों और सरकार के बीच कई दौर की बातचीत भी हो चुकी है, लेकिन बात नहीं बन पाई है।

देशभर से आये अखिल भारतीय किसान समन्वय समिति के पदाधिकारियों ने आज कृषि भवन में मुलाकात कर नए कृषि कानूनों के समर्थन में ज्ञापन दिया। उन्होंने कहा कि ये बिल पूरी तरह से किसानों के हित में हैं और इन्हें किसी भी कीमत पर वापस नहीं लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पंजाब के किसानों द्वारा किये जा रहे प्रदर्शन पूरी तरह राजनीति से प्रभावित हैं।

किसानों के समर्थन में पूरा देश है

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि आज किसानों के समर्थन में पूरा देश है, देश का किसान इन तीन काले कानूनों से डरा हुआ है क्योंकि इनके लागू होने के बाद उसकी ज़िंदगी में भूचाल आ गया है। जब किसान सड़कों पर विरोध में है तो ये उसे देश की सुरक्षा के लिए खतरा, नक्सली बोल रहे हैं।

आम आदमी पार्टी के नेता भगवंत मान ने कहा कि बहुत शर्म की बात है कि केंद्र सरकार ने किसानों की जायज मांगों को मानने के लिए अड़ियल रवैया अपनाया हुआ है और पूरे देश का पेट पालने वाला आज खुद भूखे रहने पर मजबूर है। पूरी दुनिया में इसकी(आंदोलन) चर्चा हो रही है, अब ये जन आंदोलन बन गया है।















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