Big News : ईओ, जेई और सुपरवाइजर गिरफ्तार, ठेकेदार समेत कई फरार, जाने पूरा मामला

Daily Samvad
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गाजियाबाद/लखनऊ। गाजियाबाद के मुरादनगर में रविवार दोपहर श्मशान घाट के प्रवेश द्वार के साथ बने गलियारे की छत गिरने से मलबे में दबकर 24 लोगों की मौत हो गई और 15 घायल हो गए। इसकी गूंज लखनऊ तक पहुंची। इस मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें ईओ निहारिका सिंह, जेई सीपी सिंह, सुपरवाइजर आशीष शामिल हैं। ठेकेदार अजय त्यागी व अन्य अज्ञात लोगों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।

यह जानकारी एसपी ग्रामीण डॉ. ईरज राजा ने दी है। उनका कहना है कि इन सभी को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा रहा है इसके बाद आगे की विधिक कार्रवाई होगी। वहीं मृतकों के परिजनों शवों को सोमवार सुबह हाईवे पर रखकर जाम लगा दिया है। उन्होंने बताया कि आरोपियों पर आईपीसी धारा 304 : गैर इरादतन हत्या, आईपीसी धारा 337 :  किसी व्यक्ति को खतरा पहुंचाने वाला कार्य करना, आईपीसी धारा 338 – किसी की व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरा पैदा करने वाली चोट पहुंचाने वाला कार्य करने, आईपीसी धारा 409 – धन का गबन व सरकारी कर्मचारी द्वारा विश्वास का आपराधिक हनन और आईपीसी धारा 427 : बुरी मंशा, जिससे आर्थिक नुकसान शामिल है, की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।

यह है पूरा मामला

एनडीआरएफ, पुलिस और पीएसी ने करीब पांच घंटे का रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर मलबे में दबे लोगों को बाहर निकाला। घायलों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया। श्मशान में 55 लाख की लागत से गलियारे का निर्माण हुआ था और करीब पंद्रह दिन पहले ही इसे जनता के लिए खोला गया था।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे के कारणों की जांच के आदेश देते हुए रिपोर्ट तलब की है। प्रदेश सरकार ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक मदद देने और घायलों के उचित इलाज कराने की घोषणा की है।

मुरादनगर के उखलारसी गांव की संगम विहार कॉलोनी निवासी जयराम (70) का रविवार को निधन हो गया था। सुबह करीब 10:30 बजे उनकी अंतिम यात्रा घर से शुरू हुई और करीब पौने 11 बजे मुरादनगर के बंबा रोड श्मशान घाट पहुंची। अंतिम संस्कार में मोहल्ले और आसपास के इलाकों के करीब 50 लोग शामिल थे।

बारिश के कारण गलियारे में खड़े थे अधिकांश लोग

अंतिम संस्कार के दौरान बारिश होने के कारण अधिकांश लोग श्मशान घाट के प्रवेश द्वार पर बने 70 फीट लंबे गलियारे में खड़े थे। अंतिम संस्कार पूरा होने के बाद करीब 11:30 बजे इस गलियारे में दो मिनट के मौन के लिए सभी लोग जमा हुए। इसी दौरान गलियारे की छत भरभरा कर गिर गई। कुछ लोग बाहर निकल गए थे, लेकिन करीब 40 लोग मलबे के नीचे दब गए।

सूचना पर पहुंची पुलिस, पीएसी ने स्थानीय लोगों के साथ बचाव एवं राहत कार्य शुरू किया। इस दौरान एनडीआरएफ की टीम डॉग स्क्वॉड के साथ मौके पर पहुंची और मलबे को हटाया। मलबे में दबे लोगों को बाहर निकाल कर जिला एमएमजी अस्पताल समेत कई अन्य अस्पतालों में भेजा गया। डीएम अजय शंकर पांडेय ने आधिकारिक तौर पर 24 लोगों की मौत की पुष्टि की है।  डीएम ने कहा कि हादसे के कारणों की जांच कराई जा रही है।

15 दिन पहले खोली गई थी शटरिंग

मुरादनगर में श्मशान घाट में गलियारे की छत डालने का काम अक्तूबर में शुरू हुआ था। करीब 15 दिन पहले शटरिंग खोली गई थी। इससे पहले लोगों का आवागमन इसके बगल में लगे श्मशान घाट के छोटे गेट से हो रहा था। शटरिंग खुलने के बाद इस गेट से लोगों का आवागमन शुरू हुआ था। अभी इसका लोकार्पण भी नहीं हुआ है। नगर पालिका की अधिशासी अधिकारी निहारिका चौहान ने बताया कि इस गलियारे के निर्माण के लिए करीब 55 लाख का टेंडर जारी हुआ था। नगर निगम के ठेकेदार अजय त्यागी ने इसका निर्माण किया था।















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