नई दिल्ली। दिल्ली की कई सीमाओं समेत हरियाणा के कई जिलों में चल रहे किसान आंदोलन का 40वां दिन है। बीते 40 दिनों से किसान कृषि कानूनों को रद्द कराने के लिए ठंड, बारिश, कोहरे और शीतलहर का प्रकोप झेल कर भी डटे हुए हैं। आंदोलन खत्म करवाने को लेकर केंद्र सरकार की तरफ से सोमवार को किसान नेताओं के बीच चल रही बैठक खत्म हो गई है। अब इनकी अगली बैठक 8 जनवरी को होगी। किसान नेता प्रोफेसर दर्शन पाल ने कहा कि इस बैठक का ज्यादा कुछ खास नतीजा नहीं निकला।
देश के किसानों का ये आंदोलन दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है। जहां यूपी गेट(दिल्ली-यूपी बॉर्डर) के अलावा किसानों नेे ज्ञानी बॉर्डर पर भी कब्जा कर लिया। वहीं राजस्थान से दिल्ली की ओर आ रहे किसानों पर देर रात हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और पानी की बौछारें भी कीं। यह घटना गुरुग्राम से मात्र 16 किलोमीटर दूर रेवाड़ी अलवर मार्ग पर हुआ।
मीटिंग खत्म होने के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि 8 जनवरी 2021 को सरकार के साथ फिर से मुलाकात होगी। तीनों कृषि क़ानूनों को वापस लेने पर और MSP दोनों मुद्दों पर 8 तारीख को फिर से बात होगी। हमने बता दिया है क़ानून वापसी नहीं तो घर भी वापसी नहीं होगी।
मैं आशावान हूं, अगली बैठक में निकलेगा हलः नरेंद्र तोमर
कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने बताया कि आज हम किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सके। बैठक का माहौल अच्छा था लेकिन किसान संगठनों के कानून रद्द कराने की मांग पर अड़े रहने के कारण कोई हल नहीं निकला। लेकिन मैं आशावान हूं कि अगली बैठक जो 8 जनवरी को होगी उसमें कोई न कोई नतीजा निकलेगा। हमने किसानों को क्लॉज वाइज चर्चा करने को कहा और कुछ चर्चा एमएसपी पर भी हुई। हमें उम्मीद है कि आज की जैसी बात रही उसके हिसाब से अगली बैठक में हल निकलेगा।